कानपुर (ब्यूरो) वीरपुर निवासी धर्मेद्र सोनी हाईवे बनाने वाली कंपनी में ऑपरेटर हैैं। परिवार में 65 साल की मां उर्मिला देवी, पत्नी सोनी उर्फ दीपू और तीन व पांच साल के दो बच्चे हैैं। बड़े भाई राजेंद्र सोनी मिर्जापुर में नौकरी करते हैैं। जबकि एक भाई वीरेंद्र सोनी नौैबस्ता के राजीव विहार में परिवार के साथ रहते हैैं। राजेंद्र के बच्चे भी वीरेंद्र के घर रहकर पढ़ाई कर रहे हैैं। वीरेंद्र ने बताया कि एक सप्ताह पहले ही धर्मेेंद्र कंपनी के काम से पीलीभीत गए थे।

रात सवा दो बजे घुसे
वीरेंद्र ने बताया कि घर के बाहर जनरल स्टोर की दुकान है। रात लगभग सवा दो बजे तीन बदमाश छत के रास्ते दाखिल हुए और सोनी उर्फ दीपू के कमरे के बाहर पहुंच गए। दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजे के ऊपर हवा के लिए बने डक्ट से बदमाश बहू के कमरे में उतरा और दरवाजा खोल दिया। अंदर घुसते ही टेप से बदमाशों ने सोनी के हाथ पैर बांध दिए और चाबियां मांगने लगे। इसी दौरान बच्चे जाग गए और उर्मिला भी नीचे आ गईं।

दादी को पिटता नहीं देख सके
पीडि़त के मुताबिक शातिरों ने उर्मिला देवी का सिर उनके पैरों में दबा दिया। बदमाश धमकी देते हुए चाबी मांग रहे थे। मां और दादी को पिटता देख बच्चों ने चाबी डिब्बे में रखे होने की जानकारी दी। बदमाशों ने अंदर जाकर अलमारी खोलना शुरू किया और उसमें रखे पुश्तैनी जेवर समेत तीनों बहुओं का जेवर निकाल लिया।

प्लाट के लिए निकाले थे रुपये
वीरेंद्र ने बताया कि उन्हें कानपुर में प्लॉट लेना था। कुछ रुपये कम पड़ रहे थे। इसलिए उन्होंने मां से रुपये मांगे थे। उर्मिला देवी ने तीन-चार बार में बैैंक से 1 लाख 95 हजार रुपये निकाल कर रखे थे जबकि कुछ रुपये दुकान पर भी रखे थे। शातिर साढ़े तीन बजे सारा सामान समेट कर फरार हो गए।


एसपी आउटर भी पहुंचे मौके पर
बंधक बनाकर लूट की जानकारी मिलते ही एसपी आउटर और थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। परिवार से वारदात की जानकारी ली और केस दर्ज किया गया। एसपी आउटर अजीत सिन्हा ने बताया कि परिवार से बात कर जानकारी ली गई है। खुलासे के लिए तीन टीमें लगाई गई हैैं। जल्द ही वारदात का खुलासा कर शातिरों को गिरफ्तार किया जाएगा।