कानपुर(दिव्यांश सिंह)। यूपी की गवर्नमेंट स्टेट मल्टी डिसिप्लिनरी और टेक्निकल यूनिवर्सिटीज नैक में तो ए प्लस प्लस तक ग्रेड लाकर अपनी बेहतरी का गुणगान कर रही हैं। लेकिन एनआईआरएफ की ओर से साल में एक बार जारी की जाने वाली रैंकिंग में फेल हो जाती हैं। हाल ये है कि टॉप 100 में भी अपनी जगह बना पाने में नाकाम रहती हैं। नैक का ग्रेड और एनआईआरएफ की रैंकिंग दोनों नेशनल लेवल पर एजूकेशनल इंस्टीट्यूट्स को उनकी स्थिति बताने का काम करती हैं। ऐसे में एक जगह बेहतर ग्रेड पाना और दूसरी जगह टॉप 100 की लिस्ट से बाहर होना असमंजस की स्थिति खड़ी कर रहे हैं।

नैक में यूपी की 10 यूनिवर्सिटी
नैक में ग्रेड पाने वालों में यूपी की 10 यूनिवर्सिटी शामिल हैं, जिसमें केजीएमयू और सीएसए के अलावा कोई भी यूनिवर्सिटी एनआईआरएफ में अपनी जगह नहीं बना पाई है। एनआईआरएफ की रैंकिंग में केजीएमयू को मेडिकल कैटेगरी में 12वीं और सीएसए को एग्रीकल्चर में 30वीं रैंक मिली है। इसके अलावा एसजीपीजीआई लखनऊ की मेडिकल कैटेगरी में 7वीं और आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अयोध्या की एग्रीकल्चर कैटेगरी में 35वीं रैंक है। जबकि अयोध्या एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को नैक ग्रेड नहीं मिला है।

सोशल मीडिया पर भी चर्चा
यूपी की गवर्नमेंट स्टेट यूनिवर्सिटी की बात करें तो मल्टीडिसिप्लिनरी और टेक्निकल कैटेगरी में एनआईआरएफ ने इनको साल 2023 की रैंकिंग में कहीं भी जगह नहीं दी है। वहीं नैक में ए प्लस प्लस से लेकर बी ग्रेड तक मिला है। ऐसे में सोशल मीडिया पर नैक और एनआईआरएफ को लेकर जोक्स भी वायरल होने लगे हैं।

सुधारना होगा टीचर- स्टूडेंट रेशियो
एनआईआरएफ के मेंबर सेक्रेटी प्रो। अनिल कुमार नासा ने बताया कि एनआईआरएफ रैंकिंग शिक्षण संस्थानों का एक व्यापक मूल्यांकन है। बताया कि रैंकिंग के लिए स्टूडेंट का एडमिशन अहम है। सभी यूनिवर्सिटीज से स्टूडेंट नंबर के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार करने के लिए कहा। रैंकिंग पाने के लिए टीचर और स्टूडेंट का रेशियो भी इंपॉर्टेंट है। इसी क्षेत्र में यूपी की यूनिवर्सिटीज पीछे हैं। इसी वजह से वह एनआईआरएफ रैंकिंग में टाप 100 में नहीं आ पा रहे हैं।

यूपी की यूनिवर्सिटीज को नैक में ग्रेडिंग
कैटेगरी: ए प्लस प्लस
-सीसीएस यूनिवर्सिटी मेरठ
-रुहेलखंड यूनिवर्सिटी बरेली,
-लखनऊ यूनिवर्सिटी
-डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी

कैटेगरी: ए प्लस
-केजीएमयू लखनऊ
- एचबीटीयू कानपुर

कैटेगरी: ए
-महामना मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी

कैटेगरी: बी प्लस
-सीएसए एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, कानपुर
-राजर्षि टंडन ओपेन यूनिवर्सिटी, प्रयागराज

कैटेगरी: बी
आरएमएल अवध यूनिवर्सिटी, अयोध्या
इनमें से किसी भी मल्टीडिसिप्लिनरी और टेक्निकल यूनिवर्सिटी कै एनआईआरएफ ने जगह नहीं दी है। सीएसए को एग्रीकल्चर और केजीएमयू को मेडिकल कैटेगरी में एनआईआरएफ में रैंक मिली है।

एनआईआरएफ में यूपी का एक भी कॉलेज नहीं
एनआईआरएफ की कॉलेज कैटेगरी में यूपी का एक भी कॉलेज नहीं है। जबकि नैक की ओर से बीते सालों में कई कॉलेजों को बेहतर ग्रेड दिया गया है। एक ओर जहां गवर्नमेंट यूनिवर्सिटीज एनआईआरएफ में जगह नहीं बना पा रही हैं। वहीं दूसरी जगह स्टेट के कुछ प्राइवेट और सेंट्रल गवर्नमेंट के इंस्टीट्यूट्स और यूनिवर्सिटीज ने एनआईआरएफ में स्थान पाया है।

नैक ग्रेड मिलने के स्टैंडर्ड
- करिकुलर एस्पेक्ट्स - 15 परसेंट
- टीचिंग लर्निंग एंड इवैलुएशन - 20 परसेंट
- रिसर्च इनोवेशन एंड एक्सटेंशन - 25 परसेंट
- इंफ्रास्ट्रक्चर एंड लर्निंग रिसोर्स - 10 परसेंट
- स्टूडेंट सपोर्ट एंड प्रोग्रेसन - 10 परसेंट
- गवर्नेंस लीडरशिप एंड मैनेजमेंट - 10 परसेंट
- इंस्टीट्यूशनल वैल्यूज एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज - 10 परसेंट

एनआईआरएफ रैंक मिलने के स्टैडर्ड
- टीचर लर्निंग एंड रिसोर्सेज - 30 परसेंट
- रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिसेज - 30 परसेंट
- ग्रेजुएट आउटकम - 20 परसेंट
- आउटरीच एंड इंक्लूसिविटी - 10 परसेंट
- परसेप्शन - 10 परसेंट

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