कानपुर(ब्यूरो)। पुलिस की निगाह में आने और एक बार पकड़े जाने के बाद हिस्ट्रीशीटर ठिकाना बदलकर वारदात करने लगते हैं। लेकिन अब हिस्ट्रीशीटर्स का ये दांवपेच नहीं चलेगा। यूपी पुलिस क्रिमिनल्स की हिस्ट्रीशीट में बड़ा बदलाव करने जा रही है। क्रिमिनल्स की हिस्ट्रीशीट में सीसीटीएनएस के माध्यम से क्रिमिनल्स के घरों की लोकेशन दर्ज करने का काम शुरू कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि स्थानीय पुलिस के साथ साठगांठ होने से दूसरे जिलों से छापेमारी करने आई पुलिस की इंफॉर्मेशन ली हो जाती है और शातिर पुलिस की दबिश से पहले मौके से निकल जाता है। हाईटेक पुलिस के नए टेक्निकल इनीशिएटिव के बाद हिस्ट्रीशीटर्स को यह मौका नहीं मिलेगा।

अक्षांश व देशांतर का डाटा
क्रिमिनल हिस्ट्री के साथ हिस्ट्रीशीटर के घर की अक्षांश व देशांतर का डाटा यूपी 112 के सिस्टम में फीड होगा। जिससे दूसरे जिलों से आई पुलिस या दूसरे जिलों में गई पुलिस सीधे रात के अंधेरे में बिना रास्ता भटके हिस्ट्रीशीटर अपराधी के दरवाजे तक जा धमकेगी। चेङ्क्षकग के दौरान उसे स्थानीय पुलिस की भी जरूरत भी नहीं पड़ेगी। डीजीपी डॉ.आरके विश्वकर्मा ने इसके लिए तकनीक के बेहतर उपयोग पर जोर दिया है।

सूचना गलत तो थानेदार जिम्मेदार
डीजीपी ने सभी जिलों में हिस्ट्रीशीटर अपराधियों के घर के अक्षांश व देशांतर को उसकी हिस्ट्रीशीट में दर्ज किए जाने का निर्देश दिया है। कहा है कि यदि जांच में किसी भी हिस्ट्रीशीटर की ये सूचना गलत पाई गई तो संबंधित थानाध्यक्ष के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी ने इस कार्यवाही के दौरान किसी भी बेकसूर व्यक्ति को बेवजह परेशान न किए जाने के लिए भी कहा है। तीन दिनों के अंदर इसके इलेक्ट्रानिक डाटा को फीड कराए जाने का निर्देश दिया है।

क्रॉस चेक होगी लोकेशन
एडीजी यूपी 112 को हर जिले के एक हिस्ट्रीशीटर के घर की लोकेशन की चेङ्क्षकग कराए जाने का निर्देश भी दिया है। डीजीपी मुख्यालय के एक अधिकारी के अनुसार सभी हिस्ट्रीशीटर के घर की अक्षांश व देशांतर का डाटा यूपी 112 के सिस्टम में फीड होगा। जिसके बाद यूपी 112 की पीआरवी को उसकी लोकेशन देकर पुलिस टीम को सीधे संबंधित हिस्ट्रीशीटर के घर पर भेजा जा सकेगा। इससे पुलिस को भटकना नहीं पड़ेगा।
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50 से ज्यादा हिस्ट्रीशीटर वाले थाने
घाटमपुर 122
सचेंडी 83
बाबूपुरवा 82
चकेरी 73
चौबेपुर 72
गोङ्क्षवदनगर 72
कल्याणपुर 70
बिधनू 64
सजेती 62
नौबस्ता 59
बर्रा 58
रेल बाजार 54
बिठूर 52
साढ़ 50

इनकी खुलती है हिस्ट्रीशीट
हिस्ट्रीशीटर का नाम आते ही दुर्दांत अपराधी की छवि सामने आती है। ऐसा अपराधी जो कई अपराध की घटनाओं में लिप्त रहा हो। पुलिस किसी भी अपराधी की हिस्ट्रीशीट खोलने से पहले उसके वर्तमान आपराधिक स्थिति का आंकलन करती है। अगर अपराधी लगातार वारदात कर रहा है तो ऐसे अपराधी की हिस्ट्रीशीट खोलकर उस पर नजर रखी जाती है। हिस्ट्रीशीट में अपराधी की पूरी कुंडली होती है। इसमें उसके दोस्तों से लेकर ज्ञात रिश्तेदारों की डिटेल भी होती है। उसके आर्थिक श्रोतों व मददगारों का डिटेल भी होता है। क्योंकि एक बार पकड़े जाने के बाद अपराधी अपना ठिकाना बदलते रहते हैं। वे दूसरे जिलों में अपराध शुरू कर देते हैं। ऐसे में ये आंकड़े पहचान खोलने के लिए मददगार हो सकते हैं। इसके लिए पुलिस शहर में क्राइम मैङ्क्षपग, हाट स्पाट की पहचान कर सक्रिय अपराध को रोकने का काम करती है।
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जिले के सभी थानेदारों को मुख्यालय के आदेश के बाद सीसीटीएनएस में जानकारी अपडेट कराने के लिए कह दिया गया है। काम शुरू हो गया है, जल्द ही पूरा होगा।
बीपी जोगदण्ड, पुलिस कमिश्नर कानपुर कमिश्नरेट