हालांकि पूर्व राष्ट्रपति पर अभी औपचारिक तौर पर मुक़दमा दर्ज नहीं किया गया है.निकोला सार्कोज़ी पर चुनाव प्रचार के लिए देश की सबसे धनवान महिला लिलियान बैटनकोर्ट से ग़ैर-क़ानूनी ढंग से चंदे लेने का इल्ज़ाम है।

लिलियान बैटनकोर्ट उस परिवार से तालुक्क़ रखती हैं जिसके पास मशहूर ब्रांड लॉरियल का मालिकाना हक़ है। सत्तावन साल के निकोला सार्कोज़ी ने इन आरोपों से इनकार किया है।

छापा

पुलिस ने जुलाई में उनके घर और कार्यालयों पर अदालत के हुक्म के बाद छापे मारे थे। बीबीसी संवाददाता क्रिस्चियन फ़्रेज़र का कहना है कि हालांकि सार्कोज़ी हाल की राजनीति में आगे-आगे नहीं दिख रहे, लेकिन वो 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में फिर से दावेदारी पेश करना चाहते हैं। संवाददाता का कहना है कि ऐसा संभव है या नहीं ये इस जांच के फैसले पर निर्भर करेगा। लंबी पूछताछ के बाद न्यायधीश ने कहा कि वो महत्वपूर्ण गवाह साबित हो सकते हैं, जिसका मतलब हुआ कि वो संदेह के घेरे से बाहर नहीं हैं।

 

सवाल-जवाब

जज निकोला सार्कोज़ी को फिर से सवाल जवाब के लिए बुला सकते हैं। बीबीसी संवाददाता का कहना है कि सिर्फ संदेह के दायरे में रखे जाने से पूर्व राष्ट्रपति के समर्थकों को राहत मिली है क्योंकि वो डर रहे थे कि कहीं उनके ख़िलाफ़ औपचारिक तौर पर जांच शुरू न कर दी जाए।

आरोप है कि लिलियान बैटनकोर्ट के एक कर्मचारी ने निकोला सार्कोज़ी को उनके 2007 के राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान एक लाख पचास हज़ार यूरो नक़द दिए थे। फ्रांस में कोई व्यक्ति अधिकतम 4600 यूरो ही राजनीतिक चंदे के तौर पर दे सकता है।

International News inextlive from World News Desk