- सिटी में नोएंट्री व वनवे रूल की उड़ रही हैं धज्जियां

- नोएंट्री में कई बार हो चुके हैं एक्सीडेंट्स

- मीटिंग में बने नियम, आई नेक्स्ट ने पुराने वन वे का किया रियलिटी चेक

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KANPUR। प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस सिटी में नए नो एंट्री व वनवे प्वाइंट्स बनाने का खाका खींच रहे हैं, लेकिन सिटी में बनाए गए पुराने नो एंट्री और वन वे प्वाइंट्स पर नियम तोड़े जा रहे हैं। ट्रैफिक रूल्स की धज्जियां ट्रैफिक पुलिस के सामने उड़ाई जा रही है। ऐसे में नए बने प्वाइंट्स सिर्फ लिस्ट को लंबा करेंगे। इनका सिटी के ट्रैफिक पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। वेडनेसडे को रिपोर्टर ने कुछ पुराने नो एंट्री व वनवे प्वाइंट्स का रियेलिटी चेक किया तो लचर हालात खुद सामने आ गए।

जाम लगता है तो लगे

दोपहर 1 बजे रिपोर्टर दादा नगर पुल पर पहुंचा तो देखा कि नोएंट्री का कोई रूल फॉलो नहीं हो रहा था। यहां पर पुल के ऊपर और नीचे दोनों ओर से वाहन निकल रहे थे। पुल के दूसरी ओर ट्रैफिक विभाग के सिपाही मौजूद थे, लेकिन उनका ध्यान सिर्फ वसूली में लगा हुआ था। बताते चलें कि साउथ सिटी में दादा नगर पुल पर बहुत ज्यादा लोड रहता है। गोविंद नगर पुल पर हो रहे निर्माण के चलते दादा नगर पुल पर ट्रैफिक लोड बढ़ा तो यहां ट्रैफिक डायवर्ट किया गया था। विजय नगर से आने वाला ट्रैफिक नीचे से और बर्रा से विजय नगर की ओर जाने वाला ट्रैफिक पुल के ऊपर से निकालने का रूल बनाया गया था, लेकिन सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त दिखीं।

ये रोड सिर्फ कहने को वीआईपी है

सिटी में पार्वती बांग्ला रोड यानी की वीआईपी रोड पर भी नो एंट्री है। वीआईपी रोड पर टैंपो, आटो या अन्य कोई भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का या भारी वाहन नहीं चल सकता है। रिपोर्टर दोपहर 2 बजे इस रोड पर पहुंचा तो यहां भी नोएंट्री की धज्जियां उड़ती दिखाई दीं। वीआईपी रोड पर आटो, ई रिक्शा, बस आदि सभी चल रहे थे। सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक यहां भारी वाहन प्रतिबंधित हैं, लेकिन सबसे ज्यादा भारी वाहन इसी समय निकल रहे थे।

आरटीओ आफिस के सामने भी बुरा हाल

रिपोर्टर दोपहर 3 बजे आरटीओ आफिस वाली रोड पर पहुंचा। इस रोड पर भी वनवे रूल की धज्जियां उड़ रही थीं। यहां पर सिर्फ दो महीने पहले ही वनवे लागू किया गया था। यहां पर रेवमोती की ओर से आरटीओ की ओर वाहन नहीं जा सकते हैं, लेकिन खुलेआम वाहन निकल रहे थे। रेवमोती चौराहे पर ट्रैफिक व लोकल पुलिस मौजूद थी, लेकिन वो वाहनों को रोकने का प्रयास ही नहीं कर रही थी।