इससे पहले नूपुर तलवार के एडवोकेट विजय पाल राठी ने बेल एप्लीकेशन दाखिल करते हुए कहा कि चूंकि एक महिला हैं और कानून भी महिलाओं के साथ रियायत बरतता है लिहाजा उसे बेल दे दी जाए।

सीबीआई के वकील एस। इस्लाम ने कोर्ट में बहस के दौरान कहा कि हत्या मामले में नुपूर को बेल नहीं दी जा सकती। वह केस से लगातार भागती रही हैं। सीबीआई ने उसके खिलाफ सेक्शन  302 के तहत हत्या के आरोप का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया। सीबीआई ने कहा कि नुपूर इस मामले की शुरूआत से ही टाल मटोल भरा रवैया अपनाती रही हैं।

 

सीबीआई का कहना था कि नूपुर महिला तो हैं, लेकिन बेहद सेंसेटिव क्राइम की आरोपी होने के कारण उनके साथ नरमी नहीं बरती जा सकती। आरूषि मर्डर केस की हियरिंग और उसपर नुपूर तलवार के सरेंडर के चलते गाजियाबाद कोर्ट में आज सिक्योरिटी तीन गुना बढ़ा दी गई थी। पुलिस ने मीडिया को नोटिस बांटकर कोर्ट प्रीमाइसिस से दूर रहने को कहा था।

पुलिस ने किसी को  भी आसपास खड़े होने की परमीशन नहीं दी। डिस्ट्रिक्ट जेल के सुपरिटेंडेंट वीरेश राज ने कहा कि नुपूर तलवार को आम महिला कैदियों की तरह 13 नं। बैरक में रखा जाएगा।

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