कानपुर (ब्यूरो) उन्होंने बताया कि एक डीजल कार से 24 पेट्रोल और 84 सीएनजी कारों के बराबर प्रदूषण होता है। इसके अलावा लोगों की लाइफ स्टाइल बदल रही है। मोटापा, फास्ट फूड, ज्यादा नमक वाली चीजें खाना, फ्रूट कम खाना यह सब भी बीमारियों के कारण हैं। इसके अलावा मेंटल डिसीज भी युवाओं को खोखला कर रही हैं। उन्होंने बताया कि एक बंद कमरे में दो सिगरेट का धुंआ एक भीड़भाड़ वाली सड़क पर मौजूद प्रदूषण से 20 गुना ज्यादा हो सकता है। जिन बच्चों के मां-बाप एक दिन में 10 से ज्यादा सिगरेट पीते हैं। उनके बच्चों की ग्रोथ पर भी असर पड़ता है। कार्यक्रम में सीनियर पीडियाट्रिक पल्मनरोलॉजिस्ट डॉ.राज तिलक, पूर्व डीजीएमई डॉ.वीएन त्रिपाठी, आईएमए अध्यक्ष डॉ.बृजेंद्र शुक्ला प्रमुख रूप से मौजूद रहे।