कानपुर (ब्यूरो)। घरों से दूर हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को सरकार ने महंगाई की एक और डोज दे दी है। हॉस्टल में रहने के लिए अब उन्हें पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी। आने वाले दिनों मे उनको हॉस्टल फीस में 12 परसेंट जीएसटी देनी पड़़ सकती है। अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (एएआर) ने एक मामले की सुनवाई के बाद हॉस्टल और पीजी के किराये पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने का आदेश दे दिया है। यानी हॉस्टल और पीजी में रहने वाले छात्रों और लोगों पर खर्च का बोझ बढऩे वाला है।

फैसिलिटी के हिसाब से
एएआर के इस आदेश का असर बाहर से आकर सिटी में पढ़ रहे 20 से 25 हजार स्टूडेंट्स की जेब पर पड़ेगा। हॉस्टल में रहकर पढऩे वाले स्टूडेंट्स में कॉम्पटीशन की तैयारी करने वाले और यूनिवर्सिटी या किसी इंस्टीट्यूट से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट शामिल है। अगर हम सिटी के हॉस्टल और पीजी की बात करें तो ठीकठाक फैसिलिटी देने वाले हॉस्टल या पीजी में मिनिमम किराया 6000 रुपए महीने के आसपास है। फैसिलिटीज बढऩे पर किराया 15-20 हजार रुपए भी हो सकता है। इस फीस मे मेस की फीस शामिल नहीं है। ऐसे में मिनिमम 720 रुपए महीने का खर्च बढ़ेगा।
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20 हजार से ज्यादा स्टूडेंट सिटी के हॉस्टल में रहते
150 से 200 हॉस्टल चल रहे हैं शहर में
6000 रुपए के लगभग एक महीने का खर्च
700 से 1200 रुपए महीने तक बढ़ सकता बोझ

इन इलाकों में है हॉस्टल
कानपुर पूरे देश में कोचिंग मंड़ी के नाम से मशहूर है। यहां पूरे देश से इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी के लिए स्टूडेंट्स आते हैं। ये छात्र हॉस्टल्स में रहकर ही पढ़ाई करते हैं। अगर हम हॉस्टल्स और पीजी की बात करें तो काकादेव, गीता नगर, छपेड़ा पुलिया, कल्याणपुर, विकास नगर और नवाबगंज में इनकी संख्या ज्यादा है। इनमें जेईई, नीट, सिविल सर्विस, यूपीकैटेट, कैट की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स शामिल है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट्स मे पढऩे वाले स्टूडेंट्स भी हॉस्टल या पीजी का सहारा लेते है। अगर हम हॉस्टल्स की बात करें तो सिटी में छोटे और बड़े मिलाकर इनकी संख्या 150 से ज्यादा है।
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बीते एक साल से यहां एक हॉस्टल मे रहकर जेईई की तैयारी कर रहा हं। इस साल कोचिंग वालों ने भी फीस को बढ़ा दिया है। अब पता चल रहा है कि हॉस्टल का चार्ज भी बढ़ेगा। सरकार को समझना चाहिए कि स्टूडेंट कहीं कमाई नहीं करता।
निहाल, उरई
सरकार फीस तो बढ़ाने में कसर नहीं छोड़ती है। उसको अपनी ओर से सरकारी हॉस्टल्स की सौगात भी देनी चाहिए। स्टूड़ेंट कहां से इतना पैसा देंगे। घर वालों पर बोझ बनना अच्छा नहीं लगता। लेकिन सरकार फैमिली पर बोझ बढ़ा रही है। मै नीट की तैयारी कर रहा हूं।
अनमोल, बलिया
अब ज्यादा फीस बढ़ी तो पैकअप करके घर लौटना पड़ेगा। सरकार को चाहिए कि स्टूडेंट्स हॉस्टल या पीजी पर जीएसटी को लागू न करे। हम बता नहीं सकते कि फैमिली हमको किस तरह से पढ़ा रही है।
अनुराग, उन्नाव
एक तो प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स ने पढ़ाई को बिजनेस बनाया हुआ है। दूसरी ओर सरकार भी वसूली मे कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती है। सरकार को हॉस्टल्स और पीजी पर जीएसटी को लागू नहीं करना चाहिए।
करन, आजमगढ़