कानपुर (ब्यूरो)। आईआईटी की पॉल्यूशन पर की गई रिचर्स को जर्नल नेचर कम्युनिकेशंस में पब्लिश किया गया है। सिविल इंजीनियरिंग और सस्टेनेबल एनर्जी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रो। सच्चिदानंद त्रिपाठी ने टीम के साथ यह रिसर्च की थी। इस नए रिसर्च ने उत्तरी भारत में हार्मफुल एयर पाल्यूशन के मेजर सोर्स और उनका ह्यूमन हेल्थ पर पडऩे वाले इफेक्ट का पता लगाया है। रिसर्च के मुताबिक, लोकल इमीशन, विशेष रूप से वैरियस फ्यूल की इंकंप्लीट बर्निंग, पुअर एयर क्वालिटी जैसे तत्व हेल्थ रिस्क में इंपार्टेंट रोल प्ले करते हैैं। जबकि पिछली स्टडीज में इंडिया में एयर पाल्यूशन की गंभीरता को उजागर किया है, लेकिन सटीक सोर्स और उनके कंट्रीब्यूशन की पहचान करना अभी तक एक चैलेंज था।

आर्गेनिक एरोसोल से एयर पाल्यूशन
स्टडी ने बायोमास और जीवाश्म ईंधन की इंकंप्लीट बर्निँग से आर्गेनिक एरोसोल को एयर पाल्यूशन की ऑक्सीडेटिव क्षमता को चलाने वाले प्रमुख कारक के रूप में की, जो प्रतिकूल हेल्थ इफेक्ट पैदा करने की क्षमता का एक प्रमुख संकेतक है। बताया कि ऑक्सीडेटिव क्षमता मुक्त कणों को संदर्भित करती है, जो तब उत्पन्न होती है जब प्रदूषक पर्यावरण या हमारे शरीर में कुछ पदार्थों के साथ बातचीत करते हैं। ये मुक्त कण कोशिकाओं, प्रोटीन और डीएनए के साथ प्रतिक्रिया करके नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऑक्सीडेटिव क्षमता मापता है कि वायु प्रदूषण इस प्रतिक्रिया का कारण बनने की कितनी संभावना है, जो बदले में श्वसन रोगों, हृदय रोग और तुरंत उम्र बढऩे जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

रिसर्च से ये मिली जानकारी
स्टडी में पाया गया कि लोकल सोर्स और प्रोसेस पूरे क्षेत्र में एयर पाल्यूशन फैलाने वाले में इंपार्टेंट रोल प्ले करते हैैं।
दिल्ली के अंदर ट्रैफिक, रेजिडेंशियल हीटिंग एंड इंडस्ट्रीयल एक्टिविटी से अमोनियम क्लोराइड और आर्गेनिक एरोसोल एयर पाल्यूशन के प्रमुख योगदानकर्ता हैं।
दिल्ली के बाहर, एग्रीकल्चर वेस्ट से होने वाला एमीशन और इन एमीशन से बनने वाले सेंकेडरी आर्गेनिक एरोसोल का योगदान ज्यादा है।
इस समस्या में लकड़ी, गोबर, कोयला और पेट्रोल जैसे फ्यूल की इंकंपलीट बर्निंग भी शामिल है।
इससे हार्मफुल कण बनते हैं जो हमारे लंग्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कई हेल्थ प्राब्लम्स का कारण बन सकते हैैं।

यहां से लिए सैैंपल
प्रो। त्रिपाठी की टीम ने नेशनल और इंटरनेशनल रिसर्चर के सहयोग से इस टॉपिक की व्यापक समझ हासिल करने के लिए, दिल्ली और उसके आसपास की जगहों सहित भारत में गंगा के मैदानी इलाकों में पांच स्थानों से एयर क्वालिटी डेटा का एनालाइस किया।