कानपुर (ब्यूरो) उत्तर प्रदेश पेट्स शाँप वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसीडेंट विनय दीक्षित ने बताया कि सिटी में हजारों की संख्या मे पेट डॉग्स हंै। जिसमें पिटबुल, राटविलर, केनकोर्सो, जर्मन शेफर्ड, शिहत्ज़ु, पोमेरेनियन, स्पिट्ज, डॉबरमैन, लैब्राडोर समेत देशी ब्रीड के डॉग्स शामिल है। इनमें से सबसे खतरनाक ब्रीड पिटबुल लगभग 500 और एक हजार लगभग राटविलर होंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी बड़ी संख्या में नगर निगम इन डॉग्स को कहां रखेगा। जबकि इन खूंखार डॉग्स को संभालने के लिए मालिक या फिर ट्रेनर का होना जरूरी होता है।

सिर्फ 803 डॉग्स का रजिस्ट्रेशन
एक आंकड़े के मुताबिक, शहर में लगभग तीस हजार विदेशी ब्रीड के पेट डॉग्स हैं। 12 सितंबर से पहले इसमें सिर्फ 303 का ही रजिस्ट्रेशन है। 12 सितंबर को नगर निगम मुख्यालय में लगे डॉग रजिस्ट्रेशन कैम्प में पांच सौ डॉग्स का रजिस्ट्रेशन हुआ। कुल मिला कर 803 डॉग्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है। हजारों डॉग्स का अभी भी रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। ऐसे में सवालिया निशान है कि जब बाकी डॉग्स के लिए कोई टीम नहीं बनी है तो नगर निगम इस खतरनाक ब्रीड पर कैसे लगाम लगा सकेगा।

ऐसे करवाएं रजिस्ट्रेशन
ईनगरसेवा.जीओवी.इन के आफिशियल पोर्टल पर जाए
सिटीजन लॉग इन पर जाकर क्लिक करें
अगले स्टेप में मोबाइल ओटीपी की सहायता से आईडी पासवर्ड क्रिएट करें
ट्रेड लाइसेंस पर क्लिक करें, पेट लाइसेंस में जाएं
इसमें फार्म खुलेगा, इसको फिल करना होगा
फार्म में पालतू डॉग की फोटो, डॉग के मालिक का आधार कार्ड
डॉग्स का रेबीज लगाने का सर्टिफिकेट अपलोड करें

एक नजर में
200 रुपए में देशी ब्रीड का रजिस्ट्रेशन
500 रुपए में विदेशी ब्रीड का रजिस्ट्रेशन
5000 रुपए का जुर्माना रजिस्ट्रेशन न करवाने पर
01 परिवार सिर्फ दो डॉग पाल सकता है
10 रुपए का चार्ज रजिस्ट्रेशन के दौरान देना होगा

नगर निगम का कट्रोल रूम नंबर
0512-2526004
0512-2526005

इसलिए लिया गया फैसला
बता दें कि लखनऊ में पिटबुल ने अपनी ही मालकिन को मौत के घाट उतार दिया था, साथ ही पिछले दिनों सरसैया घाट के पास पिटबुल गाय का जबड़ा चबा लिया। कई लगातार केस आने पर सदन ने इस मुद्दे को पास किया है। इसमें सभी डॉग्स बुल टेरियर अमेरिकन बुल, अमेरिकन पिटबुल और राटविलर शामिल है।

यह भी जाने
'' इन डॉग्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस भी चल रहा है। जिसका फैसला 28 सितंबर को आना है, इसके बाद तय हो जाएगा कि इस ब्रीड को रखना है या फिर नहीं.ÓÓ
विनय दीक्षित, प्रेसीडेंट यूपी पेट्स शाँप वेलफेयर एसोसिएशन

खतरनाक डॉग्स को लेकर खाका तैयार किया गया है। पिटबुल और राटविलर रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पांच हजार रुपए जुर्माना भी वसूला जाएगा।
डॉ। आरके निरंजन, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी नगर निगम