कानपुर(ब्यूरो)। जेल में बंद कैदियों से तमाम तरह के काम कराए जाते हैं, जिसके बदले उन्हें निर्धारित पारिश्रमिक भी दिया जाता है। बंदियों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है। पहला कुशल, दूसरा अर्द्धकुशल और तीसरा अकुशल। कुशल बंदियों को अब तक 40 रुपये, अर्द्धकुशल बंदियों को 30 रुपये और अकुशल बंदियों को 25 रुपये प्रतिदिन मेहनता दिया जाता था। लगातार बढ़ रही महंगाई को देखते हुए अब इस पारिश्रमिक को बढ़ाकर दो गुना कर दिया गया है।

अब इतना मिलेगा प्रतिदिन
अब तक दिया जा रहा मेहनताना बढ़ती महंगाई को देखते हुए काफी कम था, वेजेस फिक्सेस बॉडी ने इसे बढ़ाने की सिफारिश की थी। जेल के सीनियर ऑफिसर्स ने जो आदेश जारी किया है। उसके मुताबिक कुशल बंदियों को अब 81 रुपये प्रतिदिन, अर्द्धकुशल बंदियों को 60 रुपये प्रतिदिन और अकुशल बंदियों को 50 रुपये प्रतिदिन दिया जाएगा।

150 बंदी प्रतिदिन करते काम
कानपुर जेल में 2000 से ज्यादा बंदी मौजूद हैं। यहां विदेशी और महिला बंदी भी हैं। महिला बंदियों के साथ बच्चे भी मौजूद हैं। जेल में तमाम तरह की सुविधाएं सामाजिक संगठनों के द्वारा दी जाती हैं। जेल में 150 बंदी रोज काम करते हैं। इनका कमाया गया रुपया सीधे इनके खाते में जमा करा दिया जाता है। आपको बताते चलें कि कुछ दिन पहले ही एसबीआई में बंदियों के खाते खुलवाए गए थे। इतना ही नहीं जेल में जिन बंदियों के आधार कार्ड नहीं बने थे उनके आधार कार्ड बनवाए गए थे।

जेल से छूटने के बाद बंदी कर सकते हैं कोई रोजगार
अब तक भत्ता कम होने की वजह से जो रकम जुड़ती थी वह कोई धंधा करने के लिए पर्याप्त नहीं होती थी लेकिन अब जो रकम जेल से छूटने के बाद उसके खाते में जमा होगी, उससे वह कोई काम शुरू कर सकता है। बंदी जेल से बाहर जाकर अच्छा जीवन शुरू कर सकें, इसके लिए जेल प्रशासन ने कौशल विकास योजना के तहत काम सिखाना भी शुरू कर दिया है। कुल मिलाकर शासन की मंशा जेल से निकलने के बाद अपराधी को अच्छा नागरिक बनाने की है।

सीनियर ऑफिसर्स के आदेश के मुताबिक पारिश्रमिक में परिवर्तन करने के लिए कहा गया है, जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।
डॉ। बी.डी पांडेय, जेल अधीक्षक कानपुर नगर