कानपुर( ब्यूरो) जीरो टॉलरेंस नीति के अंतर्गत एक सितंबर से 15 सितंबर तक यूपी में पीआरवी चेकिंग की गई। पूरे प्रदेश में 22 पीआरवी कर्मियों पर लगाए गए गंभीर आरोप सिद्ध हुए हैैं। 15 दिन की जांच के बाद 25 सितंबर को जांच टीम ने रिपोर्ट हेडक्वार्टर को दे दी। कानपुर कमिश्नरेट में तैनात पांच पीआरवी (पुलिस रेस्पांस व्हीकल) की रिपोर्ट सीनियर ऑफिसर्स को दी गई है।

तीन पीआरवी की लोकेशन हाईवे और दो की घनी आबादी में

- हाईवे पर सचेंडी में तैनात पीआरवी 0409 में तैनात दारोगा अखिल कुमार, होमगार्ड यूनुस और ड्राइवर विनीत कुमार को दोषी पाया गया। इनके ड्यूटी प्वाइंट पर न होने की बात भी सामने आई, जिसके बाद तीनों को निलंबित कर दिया गया।

- महाराजपुर में तैनात पीआरवी 0335 में तैनात दारोगा संजय गौर, महिला सिपाही उर्मिला और होमगार्ड ड्राइवर राजेश कुमार को दोषी पाया गया। इन पर जानवरों की गाड़ी को रुपये लेकर निकलवाने का आरोप था। तीनों को निलंबित कर दिया गया।

- कल्याणपुर इलाके में तैनात पीआरवी 0294 में तैनात दारोगा अशोक कुमार, सिपाही मुकेश कुमार और ड्राइवर पवन थे। इन पर लोगों से अभद्रता का आरोप था। तीनों को निलंबित किया गया है।

- कोतवाली इलाके में तैनात पीआरवी 0167 में तैनात दारोगा धीरेंद्र सिंह, सिपाही हरेंद्र कुमार और ड्राइवर विनय गौतम पर सूचना के दौरान तय समय पर न पहुंचने का आरोप था। मेडिकल रिपोर्ट देने पर इनकी सजा कम कर दी गई, हालांकि सूत्र बताते हैैं कि इन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया।

- बाबूपुरवा में तैनात पीआरवी 0213 में महिला दारोगा मनीषा, महिला सिपाही सुधा रानी और ड्राइवर राम नारायण पर समय से न पहुंचने का दोषी पाया गया.तीनों को लाइन हाजिर किया गया है।

मुख्यालय के आदेश पर जांच की गई थी, जिसमें 5 पीआरवी कर्मियों की शिकायत पाई गई थी। पांच पीआरवी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

आनंद प्रकाश तिवारी, जेसीपी कानपुर कमिश्नरेट