कानपुर (ब्यूरो)। ज्यादातर पावर जेनरेशन प्लांट थर्मल पावर से चलते हैं यानि कोयले से चलने वाले। जो बिजली पैदा करने के साथ भारी मात्रा मेंं पॉल्यूशन भी पैदा करते हैं। पॉल्यूशन को कम करने के लिए सरकार लोगों को अपने घरों में सोलर पैनल प्लांट लगाकर बिजली यूज करने को लेकर बढ़ावा दे रही है। इस कड़ी में कानपुर में रेलवे बड़ी भूमिका निभा रहा है। आपको जानकर खुशी होगी कि रेलवे सेंट्रल स्टेशन समेत डिपार्टमेंट की विभिन्न बिल्डिंग व परिसर में बड़े-बड़े सोलर पैनल प्लांट लगाकर हर महीने तीन लाख रुपए की बिजली बचा रहा है। इसके अलावा भविष्य में एक दर्जन से अधिक और ऑफिसेस में सोलर पैनल लगाने की तैयारी कर रहा है।

12 बिल्डिंग में लगे सोलर प्लांट
प्रयागराज डिवीजन के पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि ग्रीन सिटी अभियान को बढ़ावा देते हुए रेलवे ने सेंट्रल स्टेशन बिल्डिंग समेत विभिन्न डिपार्टमेंट की 12 बिल्डिंग में सोलर प्लांट लगाए हैं। जिसमें सबसे बड़ा सोलर प्लांट फजलगंज स्थित इलेक्ट्रिक लोको शेड में लगा है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक लोको शेड में 349 किलोवॉट का प्लांट लगा है। इसके बाद कानपुर सेंट्रल स्टेशन की बिल्डिंग में 318 किलोवॉट का प्लांट लगा है। जहां सूर्य की किरणों से पैदा होने वाली बिजली को सीधे ग्रिड में भेजा जाता है। वहां से जरूरत के हिसाब से बिजली को लेकर खर्च किया जाता है।

नौ माह में 26 लाख से अधिक की बिजली की बचत
रेलवे आफिसर्स के मुताबिक अप्रैल से दिसंबर 2023 तक रेलवे ने सिर्फ कानपुर में विभिन्न डिपार्टमेंट व स्टेशन पर लगे सोलर पैनल प्लांट से लाखों रुपए की बिजली की बचत की है। उन्होंने बताया कि रेलवे ने नौ महीने में 26,11,414 लाख रुपए की बिजली बचत की है। इसके अलावा इन प्लांट से रेलवे ने नौ माह में 751138 यूनिट बिजली का उत्पादन किया है।

खुद की बिजली से रोशन
पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि कानपुर में सेंट्रल स्टेशन, इलेक्ट्रिक लोको शेड समेत विभिन्न डिपार्टमेंट की बिल्डिंग में टोटल 1200 किलो वॉट का सोलर पैनल प्लांट लगा हुआ है। इसके अलावा भविष्य में 1000 किलो वॉट का सोलर पैनल प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। जिससे रेलवे की बिल्डिंग में कम से कम बिजली की खपत हो। परिसर को सोलर पैनल प्लांट से ही रोशन किया जाए। इसकी तैयारी रेलवे ने शुरू भी कर दी है।
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सेंट्रल में लगा था सबसे पहला प्लांट
रेलवे आफिसर्स के मुताबिक सिटी में लगभग सात साल पहले रेलवे ने सबसे पहला सोलर प्लांट कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म चार-पांच में बने गार्ड रनिंग रूम की छत पर लगाया था। जोकि 318 किलो वॉट का था। इसके बाद दूसरा प्लांट कैंट साइड अंग्रेजों के समय की बनी पुरानी बिल्डिंग में लगाया गया था।