सीज़न 2010-11 के आंकड़ों के मुताबिक रियाल मेड्रिड इस सूची में यदि अगले वर्ष भी चोटी पर रहा तो वो मैनचेस्टर यूनाइटेड के कीर्तिमान की बराबरी कर लेगा।

मैनचेस्टर यूनाइटेड लगातार आठ वर्ष तक दुनिया का सबसे अमीर फ़ुटबॉल क्लब रहा था। रियाल मेड्रिड का चिर-प्रतिद्वंद्वी बार्सिलोना दूसरे और मैनचेस्टर यूनाइटेड तीसरे स्थान पर हैं।

बायर्न म्यूनिख़, आर्सनल और चेल्सी क्रमश: चौथे, पांचवे और छठवें स्थान पर हैं। इस सूची में चोटी के सात क्लबों ने पिछले वर्ष की अपनी रैंकिंग को बरक़रार रखा है। लीवरपूल एक पायदान खिसक कर इस वर्ष नौंवे स्थान पर आ गया है।

टॉप 20 में से इंग्लैंड के छह फ़ुटबॉल क्लब हैं। सभी टॉप 20 क्लब यूरोप के पाँच बड़े फ़ुटबॉल लीग के ही क्लब हैं। इटली के पांच क्लाब हैं, जर्मनी के चार, स्पेन के तीन और फ़्रांस के दो क्लब हैं। सबकी कुल आय 4.4 अरब यूरो रही।

राजस्व की बात करें तो यूरोप के शीर्ष 20 फ़ुटबॉल क्लबों में से नौ की आमदनी वर्ष 2011-12 के दौरान दहाई के अंकों में बढ़ी। हालांकि सात क्लब ऐसे भी हैं जिनकी कमाई कम हुई। इसकी वजह टीमों का मैदान में अच्छा प्रदर्शन ना कर पाना माना जा रहा है जिस करण टिकटों की बिक्री कम हुई है।

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