- बैराज घाट से लेकर सिद्धनाथ घाट तक 10 घाटों की बदल जाएगी सूरत

- भैरव घाट व भगवतदास घाट के शवदाह गृह को किया जाएगा आधुनिक

KANPUR : नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गंगा के 10 घाटों को संवारे जाने का प्लान अब साकार होने जा रहा है। अगले हफ्ते से काम शुरू करने की तैयारी कर ली गई है। इस कार्य में 50 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

घाटों के सौदर्यीकरण की योजना के प्रथम चरण में जिन दस घाटों को लिया गया है। वहां टूटे पत्थरों को बदलने, लाइटिंग, महिलाओं के कपड़े बदलने की जगह व बैठने के लिए स्थान के निर्माण के अलावा शाम को गंगा आरती का भी इंतजाम किया जाएगा। घाटों को संवारने का काम इंजीनियर्स इण्डिया लिमिटेड को मिला है। कंपनी के डीजीएम रूपेश कुमार ने बताया कि अगले सप्ताह से काम शुरू कर ि1दया जाएगा।

आधुनिक होंगे शवदाह गृह

घाटों को संवारने के साथ भैरोघाट और भगवतदास घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह को भी आधुनिक करने का काम होगा। ताकि लोग गंगा के किनारे शव न जलाएं। शवदाह गृह के निकट शव को नहलाने, शवयात्रा में आए लोगों के बैठने की भी व्यवस्था की जाएगी।

इन घाटों को संवारा जाएगा

बैराज घाट - कोयला घाट

मैगजीन घाट - सरसैया घाट

परमट घाट - गुप्तार घाट

भगवतदास घाट - गोला घाट

भैरव घाट - सिद्धनाथ घाट

(अलग बाक्स बनाएं)

बिठूर का नजारा भी बदल जाएगा

बिठूर के घाटों के साथ धार्मिक व एतिहासिक स्थलों को भी संवारने का प्लान बना है। इन स्थानों की सूरत बदलने के लिए विश्व बैंक से धन मिलेगा। इस कार्य के लिए केडीए ने तैयारी शुरू कर दी है।

बिठूर के सुंदरीकरण के प्लान में ब्रह्मावर्त घाट, रानी लक्ष्मीबाई घाट, लक्ष्मण घाट समेत एक दर्जन घाटों का विकास होना है। इसके अलावा ध्रुव टीला, पेशवा स्मारक, वाल्मीकि आश्रम का सौदर्यीकरण भी किया जाएगा। महिलाओं और पुरुषों के लिए टायलेट व चेंजिंग रूम बनाया जाना है। इन कार्यो के लिए 115 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है। इसमें 102 करोड़ रुपए विश्व बैंक देगा। जबकि 13 करोड़ रुपए केडीए खर्च करेगा।