कानपुर (ब्यूरो)। नगर निगम अपने तरह तरह के कारनामों के लिए विख्यात है। ताजा मामले में नगर अधिकारियों को टेंडर के दो साल बाद रोड की याद आई। वो भी जब पब्लिक ने मुख्यमंत्री के आईजीआरएस पोर्टल पर कई बार शिकायत की। कंप्लेन जब उच्च स्तर से नगर निगम के पास पहुंची तो निस्तारण की कार्रवाई शुरू हुई। जांच में सामने आया कि जिस रोड का दो साल पहले टेंडर हो गया उसे आज तक बनाया ही नहीं गया। जिसके बाद नगर निगम के सामने कांट्रैक्टर को लापरवाही सामने आई। जिसके बाद कांट्रैक्टर को ब्लैक लिस्ट कर दिया लेकिन सवाल ये है कि लाखों की सैलरी और संसाधन लेने वाले अधिकारी दो साल तक क्यों सोते रहे?

तीन दर्जन कांट्रैक्टर्स पर एक्शन
मामला नगर निगम के जोन पांच के वार्ड 34 का है। बर्रा सात में तेज ङ्क्षसह के मकान से भगत ङ्क्षसह के मकान तक 6.14 लाख रुपये में सौ मीटर रोडका निर्माण होना था। मेसर्स सिद्धी विनायक कांसट्रक्शन कंपनी को जुलाई 2021 में कांट्रैक्ट दिया गया था। करीब दो साल गुजरने के बाद भी काम नहीं हुआ। इसकी कंप्लेन जनसुनवाई पोर्टल में लोगों ने की तो मामला सामने आया।

जुर्माना भी लगाया जा रहा
इस मामले में जोन पांच के एक्सईएन नानक चंद ने फर्म को ब्लैक कर दिया। नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन के आदेश के बाद सभी जोन में समय पर काम न करने या कांट्रैक्ट के बाद भी काम न होने और घटिया काम करने वाले कांट्रैक्टर्स पर कार्रवाई की जा रही है। अब तक तीन दर्जन कांट्रैक्टर्स पर कार्रवाई की गई। जुर्माना लगाने के साथ ही कांट्रैक्ट निरस्त कर दिया गया है।