- डग्गामार वाहनों के खिलाफ आरटीओ चलाएगा 3 दिन अभियान

-सिटी में 5 हजार से ज्यादा डग्गामार वाहन ट्रैफिक व्यवस्था के लिए बने हैं नासूर

-रोड एक्सीडेंट, प्रदूषण और ट्रैफिक अराजकता का सबसे बड़ा कारण हैं डग्गामार

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KANPUR। आरटीओ अगले सप्ताह डग्गामार वाहनों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने जा रहा है। तीन दिन तक चलने वाले इस अभियान में चार टीमें कार्रवाई के लिए रोड पर उतरेंगी। शासन से मिले निर्देश के बाद आखिरकार विभाग की आंखें खुली हैं लेकिन सवाल ये है क्या इस अभियान के बाद डग्गामार वाहन गायब हो जाएंगे? क्योंकि ऐसे अभियान चलाने की रश्म अदाएगी तो हर साल कई बार की जाती है।

5 हजार से ज्यादा डग्गामार

शासन की ओर से आरटीओ विभाग को डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई करने के निर्देश मिले हैं। जिस पर विभाग ने चार टीमें गठित की हैं। सिटी में इस समय पांच हजार से ज्यादा डग्गामार वाहन चल रहे हैं। धीमी गति और अनियंत्रित होकर चलने के कारण ऐसे वाहनों से ट्रैफिक सिस्टम सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। आउटर एरिया नौबस्ता, बर्रा बाईपास, कल्याणपुर, रावतपुर, रामादेवी, चकेरी, लाल बंगला आदि इलाकों में ये डग्गामार वाहन अक्सर एक्सीडेंट का कारण भी बनते हैं।

नियमों को तोड़ फैला रहे हैं प्रदूषण

ये डग्गामार वाहन नियमों को तोड़ प्रदूषण भी फैला रहे हैं। रूल्स के मुताबिक सिटी की नगर-निगम की सीमा के अंदर कोई डीजल का पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन नहीं चल सकता है, लेकिन ये डग्गामार वाहन खुलेआम पैसेंजर्स भरकर चलते हैं और प्रदूषण फैलाते हैं।

पड़ोसी जिलों से लेते हैं परमिट

दरअसल इनमें ज्यादातर के परमिट पड़ोस के जिलों उन्नाव, कानपुर देहात, कन्नौज, फतेहपुर, हरदोई आदि के होते हैं। कानपुर आरटीओ से इन्हें परमिट नहीं मिलता है, पड़ोसी जिलों से परमिट लेकर ये सिटी में वाहन चलाते हैं। कई बार चालान होने पर ये बात सामने आ चुकी है। इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है कि आरटीओ के प्रवर्तन अधिकारियों व पुलिस से इनकी सेटिंग होती है।

'डग्गामार वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। पहले भी अभियान चलता रहा है। नियम तोड़ने वाले छोड़े नहीं जाएंगे.'

- प्रभात पाण्डेय, एआरटीओ