कानपुर (ब्यूरो) रावतपुर इलाके के कृष्णापुरी में विमलेश कुमार का शव 23 सितंबर को पुलिस ने उनके घर से बरामद किया था। करीब डेढ़ साल पहले 22 अप्रैल 2021 को कोविड के दौरान उनका निधन हो गया था। मगर पत्नी मिताली, पिता राम अवतार समेत अन्य लोग इस बात को मानने को तैयार नहीं थे। डेढ़ साल तक शव को घर में रखे रहे। जब आयकर विभाग के लोग विमलेश की जानकारी करने उनके घर पहुंचे। तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। पुलिस कमिश्नर कानपुर बीपी जोगदंड ने एडीसीपी वेस्ट लाखन सिंह यादव की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की थी।


केमिकल लगाने की पुष्टि नहीं
जांच कमेटी बुधवार को आयकर अफसर के घर पहुंची। एडीसीपी लाखन सिंह यादव ने पिता रामअवतार, पत्नी मिताली, मां रामदुलारी और दोनों भाई सुनील व दिनेश से करीब 40 मिनट तक पूछताछ की। पूछताछ और जांच के दौरान शव को सुरक्षित करने के लिए किसी भी तरह का केमिकल लगाने की पुष्टि नहीं हुई है।


बेहद लगाव के कारण
एडीसीपी लाखन सिंह यादव ने बताया कि प्राथमिक जांच में यही सामने आया है कि परिजनों ने किसी साजिश के तहत शव को सुरक्षित नहीं किया था। परिजनों का भावनात्मक लगाव इतना था कि वह मृत्यु को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे। अब तक की जांच पड़ताल में किसी तरह का कोई अपराध सामने नहीं आया है। परिवार के लोगों की जल्द ही काउंसिलिंग भी कराई जाएगी। इससे यह साफ हो सके कि परिवार का कोई सदस्य मानसिक बीमार तो नहीं है।


मैटरनिटी लीव पर थी पत्नी
एसआईटी ने जांच के बाद ये भी साफ कर दिया कि पति का शव मिलने के बाद चर्चा थी कि पत्नी ने छह महीने की छुट्टी लेकर सेवा की थी। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं था। आयकर अफसर की मौत से पहले पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया था। इसके चलते छह महीने की मैटरनिटी लीव पर थीं।


जांच रिपोर्ट का इंतजार
मामले में डीएम के आदेश पर सबसे पहले एडिशनल सीएमओ डॉ। गौतम डॉक्टरों की टीम के साथ जांच करने पहुंचे थे। उन्होंने एक-एक पहलू पर जांच की थी। 5 दिन बाद भी एसीएमओ की जांच रिपोर्ट सामने नहीं आ सकी है। जल्द ही एसीएमओ अपनी जांच रिपोर्ट में तमाम सामने अनसुलझे पहलुओं को स्पष्ट करेंगे।