कानपुर (ब्यूरो) सात दिसंबर को रैगिंग का एक वीडियो वायरल हुआ। आरोप लगाया गया था कि वीडियो जीएसवीएम मेडिकल कालेज का है। प्रिंसिपल डा। संजय काला ने आरोपों को नकारते हुए जानबूझकर मेडिकल कालेज की छवि खराब करने की साजिश बताते हुए एफआईआर कराई थी। वहीं, एक हफ्ते के अंदर ही दूसरी बार रैगिंग का मामला आने से कॉलेज में हड़कंप मचा हुआ है। नई कम्प्लेन मिलने के बाद प्राचार्य प्रो। संजय काला एक्शन में आ गए और उन्होंने कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी की आपात बैठक बुलाई।

बदनाम करने की साजिश
बैठक में कम्प्लेन को रखा गया। जिसमें कहा गया कि इसी तरह की कम्प्लेन पिछले साल भी की गई थी, कम्प्लेन का सारा मजमून एक जैसा दिख रहा है। इसलिए हो सकता है कि कोई छात्र कॉलेज को बदनाम करने के लिए फर्जी कम्प्लेन भी करा रहा हो। जांच कमेटी बनाकर मामले की तह तक जाने की कोशिश की जा रही है। प्रिंसिपल संजय काला ने बताया कि बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि अगर कम्प्लेनेंट की सही पहचान नहीं हो सकी और घटना में सच्चाई नहीं मिली तो पुलिस के साइबर सेल में एफआईआर कराई जाएगी।

नियम-कानून का लगा बोर्ड
7 दिसंबर को रैगिंग का मामला सामने आने के बाद भी प्रिंसिपल ने मामले को पूरी तरह फर्जी बताया था, लेकिन उन्होंने पूरे कैंपस के साथ ही हॉस्टल के बाहर भी रैगिंग को लेकर सख्त नियमों और कार्रवाई को लेकर होर्डिंग लगवाए थे। मामले में प्राचार्य प्रो। संजय काला ने बताया कि एंटी रैगिंग सेल में पैरा-2 छात्र की ओर से कम्प्लेन की गई। जिस पर जांच का आर्डर किया गया है।