कानपुर (ब्यूरो) शासन की प्राथमिकता महिला अपराध को खत्म करना है। जबकि एनसीआरबी और डीसीआरबी के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि अपराध कम होने के बजाए बढ़ रहे हैं। जब इसकी वजह तलाशी गई तो जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों की लापरवाही सामने आई। जिसके बाद एसआईटी बनाने का फैसला लिया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोमवार से एसआईटी ने काम करना भी शुरू कर दिया है। पहले ही दिन गैैंगरेप का एक, रेप के चार और छेड़छाड़ के तीन मामलों का निस्तारण किया गया है।

बढ़ेगा पुलिस पर भरोसा
सभी थानों में पेंडिंग पड़े मामलों की सूची तैयार की गई है। इसके बाद फाइल पहले जोन ऑफिस को भेजी जा रही है। वहां से इंट्री के बाद एसआईटी को फाइल दी जा रही हैैं। सेल में शामिल महिला इंस्पेक्टर ने बताया कि एक साल से पहले के दर्जर्नों मामले अब भी पेंडिंग पड़े हैैं। जिनमेें पुलिसकर्मियों की लापरवाही की वजह से पीडि़ताएं न्याय की तलाश में भटक रही हैैं। इन फाइलों को जल्द से जल्द निपटाने की कोशिश की जा रही है जिससे न्याय मिलने के साथ महिलाओं का पुलिस पर भरोसा बढ़ सके।

कंप्रोमाइज की वजह से
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला उत्पीडऩ में ज्यादातर मामले ब्लैकमेलिंग के लिए दर्ज कराए जाते हैैं। रुपये मिलने के आस में केस दर्ज कराने वाला पक्ष भी कार्रवाई आगे नहीं बढऩे देता, जबकि पीडि़त पक्ष कंप्रोमाइज जल्दी होने की बात कहकर विवेचनाधिकारी पर दबाव बनाए रहता है। इसी वजह से मामले लंबे समय तक बिना फैसले के फाइलों में बंद रहते हैैं।
कानपुर में पेंडिंग मामले
जोन गैैंगरेप रेप छेड़छाड
ईस्ट 06 32 48
वेस्ट 03 31 28
सेंट्रल 02 23 24
साउथ 01 21 43
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एसआईटी ने पहले दिन काम करते हुए आठ मामलों का निस्तारण किया है। जो भी पेंडेंसी होगी। फरवरी में खत्म करने की पूरी कोशिश की जाएगी।
रवीना त्यागी, डीसीपी हेडक्वार्टर