कानपुर (ब्यूरो)। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन से एफिलिएटेड स्कूलों में स्टूडेंट को छह लर्निंग स्टेज से पढ़ाई कराई जाएगी। इन स्टेजों से पढ़ाई कराने का उद्देश्य स्टूडेट्स की रटन विद्या को कम करना है। न्यू एजूकेशन पॉलिसी के तहत स्टूडेंट्स को ऐसी एजूकेशन दी जाएगी, जिसमें स्टूडेंट केवल रटकर पास न हो बल्कि उनको कुछ नॉलेज हो। एनईपी के तहत न्यू एकेडमिक सेशन 2023-24 से इस प्रोसेस को लागू कर दिया गया है। इस प्रोसेस को हर क्लास के स्टूडेंट पर लागू करना है। सिटी के लगभग सभी स्कूलों में यह सिस्टम लागू हो गया है।

यह हैं छह स्टेज
सीबीएसई के स्कूलों में स्टडी मैथड के लिए 6 स्टेजों को तय कर दिया गया है। इन स्टेजों में पहली स्टेज नॉलेज, दूसरी अंडरस्टैडिंग, तीसरी एप्लीकेशन, चौथी एनालिसिस, पांचवी इवैलुएशन और छठी स्टेज क्रिएशन है। इस स्टेज से पढ़ाई का उद्देश्य यह है कि स्टूडेंट ने क्लास रूम में जो कुछ भी सीखा उसको वह समझे और उसको अपनी लाइफ में अप्लाई करे। इसके अलावा साइंस में सीखी गई नॉलेज के जरिए बच्चों से प्रोटोटाइप या मॉडल आदि बनवाना है।

कुछ ऐसे भी होगी पढ़ाई
स्टूडेंट्स को कभी-कभी कुछ सब्जेक्ट कठिन लगते है। ऐसे में स्टूडेंट को कठिन लगने वाले सब्जेक्ट्स को पढ़ाने के लिए लर्निंग बाई डूइंग मैथड से बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इस मैथड में ईजी से टफ कंटेंट की तरफ पढ़ाई कराई जाती है। इसके अलावा कांक्रिट टू एक्सेप्ट मैथड में पढ़ाने से पहले चीजों को दिखाकर पढ़ाई जाएगी। यह मैथड अधिकतर साइंस स्ट्रीम वालों पर अप्लाई होता है। इसमें खेलते खेलते पढ़ाई कराई जाती है। इस मैथड की खासियत यह है कि इसमें स्टूडेंट किसी चीज को आसानी से सीख और समझ जाता है।

टीचर्स को भी दी जा रही ट्रेनिंग
इन सभी मैथड्स में टीचर्स को ट्रेंड करने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके लिए देश में 16 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस है, जिनमें ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहे है। जिसमें टीचर्स को ट्रेंड किया जा रहा है। अभी तक एक लाख से ज्यादा सेमिनार और वर्कशॉप के जरिए टीचर्स को ट्रेंड किया जा चुका है। क्लास में पढ़ाई में वीक स्टूडेंट्स को चिह्नित किया जाएगा। वह जिस सब्जेक्ट में वीक होंगे, उसमें उनको रेमेडियल क्लासेज देकर स्ट्रांग किया जाएगा। ऐसा होने से स्टूडेंट्स के फाइनल एग्जाम में बेस्ट माक्र्स आने की संभावना प्रबल हो जाती है।

एनईपी को फॉलो करते हुए सीबीएसई से एफिलिएटेड कॉलेजों में रटन विद्या को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। स्टूडेंट कुछ समझे इसके लिए छह लर्निंग स्टेजों से पढ़ाई कराई जा रही है। पढ़ाई को आसान बनाने के लिए कई अन्य मैथड्स को भी फॉलो किया जा रहा है।
बलविंदर सिंह, सीबीएसई डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेटर