कानपुर (ब्यूरो)। सिटी की बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट अब हादसे की वजह भी बन रही हैं। अंधेरे के चलते लोग गड्ढों में गिरकर जान गंवा रहे हैं। कानपुराट्स से लेकर पार्षद तक एरिया में स्ट्रीट लाइट बंद होने की लगातार कंप्लेन कर रहे है लेकिन जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हुए हैं। अफसर कितने गंभीर है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में स्ट्रीट लाइट की समस्या को हल करने के लिए दो करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन बजट का बहाना बनाकर इसे पास नहीं किया गया। ऐसे में आधा शहर कब तक अंधेरे में डूबा रहेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

क्यों अंधेरे में है शहर
दरअसल, विगत पांच माह से एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) से करार खत्म होने के बाद से मार्ग प्रकाश की जिम्मेदारी वर्षो बाद नगर निगम ने दोबारा संभाली है। हालांकि मुट्ठी भर कर्मचारियों के भरोसे पूरे शहर की स्ट्रीट लाइट है। इस पर संसाधन का अभाव होने के चलते भी काफी समय से खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट बंद है।

ये आ रही परेशानी
दूसरी कंपनी से करार करने के लिए पहले ईईएसएल कांट्रैक्ट खत्म करना होगा। कानपुर नगर निगम ने करार खत्म कर दिया लेकिन शासन स्तर पर यह कार्रवाई अभी बाकी है। ईईएसएल का नगर निगम से सात साल का कांट्रै्क्ट था। कानपुर नगर निगम ने कांट्रैक्ट खत्म करने के लिए शासन से पत्राचार भी किया है। ताकि नई कंपनी से करार खत्म कर सिटी की स्ट्रीट लाइट की समस्या का हल निकाला जा सके।

73 करोड़ के बकाये का रार
ईईएसएल कंपनी ने कानपुर नगर निगम पर करीब 73 करोड़ों रुपये का बकाया कोट किया है। वहीं नगर निगम का कहना है कि कंपनी के काम में लापरवाही के चलते उससे करार खत्म कर दिया गया। नगर निगम व कंपनी के बीच के रार के चलते न केवल पार्षद बल्कि कानपुराट्स भी फंस है। आधार शहर अंधेरे में है और संसाधन के अभाव के चलते नई स्ट्रीट लाइट लग नहीं रही। बंद स्ट्रीट लाइट को मार्ग प्रकाश विभाग रिपेयर कर काम चला रहा है। वहीं 45 लाख से ऊपर वाले आबादी के शहर में सवा लाख स्ट्रीट लाइट की जिम्मेदारी मुट्ठी पर नगर निगम के मार्ग प्रकाश के कर्मचारियों के कंधे पर है।

अंधेरे के चलते क्राइम, हादसे बढ़ रहे
रोड पर स्ट्रीट लाइट न होने के चलते सबसे ज्यादा क्राइम व हादसे सिटी में हो रहे है। क्राइम, वीमेन्स सेफ्टी और एक्सीडेंट को रोकने के लिए शासन स्तर पर फ्रॉम डार्कनेस टू लाइट ड्राइव चलाने का निर्देश दिया गया। ड्राइव में भी नगर निगम ने कोरम पूरा कर रहा है, जबकि हकीकत में सिटी के कई एरिया ऐसे है जो अभी भी अंधेरे में डूबे रहते है।