कानपुर(ब्यूरो)। कई बड़ी वारदातों में पुलिस को ठोस सबूत और गवाह नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में फॉरेंसिक इविडेंस बेहद महत्वपूर्ण हो जाते हैं। कई मामलों में फॉरेंसिक इविडेंस के जरिए अपराधी न सिर्फ पकड़े गए बल्कि कोर्ट से सजा भी हुई। इविडेंस कलेक्ट कर टीम जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेज देती है। लैब की रिपोर्ट के बाद ही जांच आगे बढ़ती है लेकिन कुछ समय पहले ही शहर में शुरू हुई फॉरेंसिक लैब स्टाफ क्राइसिस से जूझ रही है। सैंपल तो भेजे जा रहे हैं लेकिन जांच रिपोर्ट नहीं आ रही है। स्टाफ न होने से बीते एक महीने से 200 से ज्यादा सैैंपल जांच के इंतजार में हैैं।

न्याय दिलाने में अहम
फॉरेंसिक टीम में शामिल डॉक्टर और दूसरे कर्मचारी महीन से महीन चीज को घटनास्थल से जांच करते हैैं और पुलिस की जांच में इसकी रिपोर्ट को शामिल करते हैैं। जिससे पुलिस मजबूत चार्जशीट और फाइनल रिपोर्ट लगाती है। कई बार इनकी रिपोर्ट लोगों की जान बचाने में सहायक होती है तो कई बार अपराधी का सलाखों के पीछे पहुंचाने में। ब्लाइंड केसेस की जांच को दिशा देने में फॉरेंसिक रिपोर्ट बेहद अहम रोल निभाती है।

दूसरी लैब में ट्रांसफर
लगभग दो महीने पहले कानपुर की फॉरेंसिक साइंस लैब में 11 लोग थे। डॉक्टर समेत सभी कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी बढ़ा दी गई थी। छोटी जांच तो पहले से ही होती थी लेकिन बड़ी जांचों में विसरा जांच होने लगी थी। मुख्यालय से घोषणा की गई थी कि कानपुर कमिश्नरेट की फॉरेंसिक लैब का दायरा बढ़ाया जाएगा, लेकिन ये घोषणा कागजी साबित हुई। विसरा जांच भी कुछ दिन हो पाई, इसके बाद केमिकल (फिनाफ्थेलिन और एसिटेल्डिहाइड) की कमी का रोना शुरू हो गया। एक बार गाड़ी पटरी पर आ पाती उससे पहले ही यूपी के अन्य शहरों में बनी नई लैब्स में यहां का स्टाफ ट्रांसफर कर दिया गया। अब एक डॉक्टर और ड्राइवर सहित सिर्फ तीन लोगों का स्टाफ रह गया है।

आम आदमी की बढ़ी परेशानी
स्टॉफ कम होने की वजह से आम आदमी की परेशानी बढ़ गई है। एक बार फिर सैैंपल दूसरी लैबों में भेजने और पीडि़त परिवार के लोगों का आगरा और लखनऊ की दौड़ शुरू हो गयी है। हालात ये हैैं कि औसतन एक दिन में 8-10 शवों का पोस्टमार्टम किया जाता है। कभी कभी ये संख्या 18-20 तक पहुंच जाती है। औसतन तीन मामले संदिग्ध मौत के रोज आते हैैं। जिसकी विसरा जांच के लिए भेजा जाता है। कानपुर की लैब में 200 से ज्यादा सैैंपल इस इंतजार में हैैं कि कब जांच का नंबर आएगा।


कुछ जिलों में नई लैब तैयार की गई हैैं, जिसकी वजह से स्टाफ को एडजस्ट किया गया है। कानपुर में लैब के कर्मचारियों की कमी की जानकारी है, जल्द ही कानपुर में स्टाफ की आपूर्ति की जाएगी।
डॉ। आनंद कुमार श्रीवास्तव, एचओडी (यूपी फॉरेंसिक डिपार्टमेंट)