कानपुर(ब्यूरो)। सिटी की तीनों गवर्नमेंट यूनिवर्सिटीज सीएसजेएमयू, सीएसए और एचबीटीयू में न्यू एकेडमिक सेशन की स्टार्टिंग हो चुकी है। ऐसे में फ्रेशर या जूनियर स्टूडेंट्स के साथ रैगिंग न हो उसके लिए तीनों यूनिवर्सिटी ने कमर कस ली है। रैगिंग जैसी कोई घटना न हो इसके लिए स्टूडेंट्स को अवेयर किया जा रहा है। अवेयरनेस हर तरह की है। कैंपस, हॉस्टल और डिपार्टमेंट्स में पोस्टर लगाकर रैगिंग किसे कहते हैं, यदि रैगिंग हो जाए तो क्या करें और रैगिंग करने वाले पर क्या क्या एक्शन लिए जा सकते हैं, इस बारे में बताया गया है। इसके अलावा क्लास में भी स्टूडेंट्स को रैगिंग न किए जाने को लेकर सख्त दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं।

सीएसजेएमयू - कैंपस में एंट्री करते ही राइट हैंड साइड पर से नो टू रैगिंग नाम से एक पोस्ट लगा हुआ है। उन पोस्टर्स पर अलग अलग मैसेज दिए गए है। साथ में बताया भी गया है कि रैगिंग करने पर ब्लैक लिस्टिंग और सस्पेंशन जैसा एक्शन लिया जा सकता है जो कि आपके फ्यूचर पर दाग लगाने के लिए काफी है। इसके अलावा एंटी रैगिंग एप डाउनलोड करने के लिए भी कहा गया है। इस तरह के पोस्टर कैंपस में जगह जगह पर लगें हैं। इसके अलावा एंटी रैगिंग कमेटी के मेंबर भी कैंपस में एक्टिव हैं। अगर बीते सालों की बात करें तो कैंपस में रैगिंग जैसी तो घटनाएं नहीं हुई लेकिन जूनियर और सीनियर्स के बीच मारपीट जैसी घटनाएं जरुर हुई हैं, जिस पर यूनिवर्सिटी ने सख्त एक्शन लिया है।

सीएसए - सीएसए यूनिवर्सिटी में रैगिंग को लेकर खास एहतियात बरता जा रहा है। कैंपस में रैंगिग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के डिसीजन का हवाला देते हुए रैगिंग के पूर्णतया प्रतिबंधित होने का मैसेज देते हुए पोस्टर लगाए गए हैं। एक ओर किन किन चीजों को रैगिंग माना जाता है और दूसरी ओर क्या एक्शन हो सकते हैं, उनका जिक्र किया गया है। बताते चलें कि बीते सालों में सीएसए के तिलक हॉस्टल में जाकर सीनियर स्टूडेंट्स से मारपीट की थी, जिसमें कई जूनियर स्टूडेंट्स को चोट भी लगी थी। हॉस्टल में जमकर तोडफ़ोड़ भी की गई थी। इस घटना के बाद कई स्टूडेंट्स पर एक्शन लिया गया है।

एचबीटीयू - एचबीटीयू में रैगिंग को लेकर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने एंटी रैगिंग कमेटी का गठन किया है।
कैंपस और हॉस्टल्स में पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें रैगिंग कमेटी के नंबर लिखे हुए हैं। इसके अलावा डिपार्टमेंट्स में भी एंटी रैगिंग कमेटी के मेंबर्स की लिस्ट कांटेक्ट नंबर के साथ लगी है। यदि किसी स्टूडेंट को कोई समस्या है तो वह एंटी रैगिंग कमेटी के मेंबर्स को कॉल करके शिकायत कर सकता है। दो साल पहले एचबीटीयू कैंपस में रैगिंग की एक घटना को न्यूज पेपर्स में पब्लिश किया गया था। घटना के बाद कुछ दिनों तक तो जांच पड़ताल चली लेकिन समय बीतने के साथ साथ मामले को रफा दफा कर दिया गया।

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