- 15 विभाग बनेंगे, अपना ब्लड बैंक, पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी यूनिट भी होगी, मार्च 2018 में पूरा होगा निर्माण

- 300 बेड के पुराने अस्पताल के अपग्रेडेशन का काम भी 6 महीने में पूरा होगा

KANPUR: पांडू नगर में 361 करोड़ की लागत से बनने वाले ईएसआई के सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल का निर्माण मार्च 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य है। वहीं पुराने अस्पताल के अपग्रेडेशन के काम को भी अगले साल मार्च तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। गुरूवार को शिलान्यास करने पहुंचे केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और डॉ। मुरली मनोहर जोशी ने विधिवत पूजापाठ के बाद अस्पताल के निर्माण की नींव रखी। कार्यक्रम के लिए यूपी के श्रममंत्री शाहिद मंसूर को भी न्योता भेजा गया था, लेकिन वह नहीं आए। कार्यक्रम में महापौर जगतवीर सिंह द्रोण, विधायक सत्यदेव पचौरी, आईएसआईसी के बोर्ड मेंबर राम किशोर त्रिपाठी, ईएसआईसी के फाइनेंशियल कमिश्नर यू वेंकटेश्वर लू, मेडिकल कमिश्नर डॉ। आरके कटारिया, विधायक रघुनंदन सिंह भदौरिया व एमएलसी अरुण पाठक प्रमुख रुप से मौजूद रहे।

शार्ट सर्किट से लगी आग

शिलान्यास का कार्यक्रम शुरू होते ही कार्यक्रम स्थल के मेन गेट पर तारों में शार्ट सर्किट से आग लग गई, जिससे वहां हड़कंप मच गया। पंडाल में धुंआ उठने पर पुलिस कर्मियों ने आनन फानन में कारपेट से ही अाग बुझाई।

पुराने ब्लॉक में सुपरस्पेशिएलिटी

दरअसल ईएसआई हॉस्पिटल में पहले मेडिकल कॉलेज बनाने की योजना थी, इसके लिए निर्माण भी शुरू हो गया था, लेकिन एमसीआई की आपत्ति के बाद मेडिकल कॉलेज पर ग्रहण लग गया। इस बीच बिल्डिंगों का ढांचा बन गया था। जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सुपरस्पेशिएलिटी अस्पताल खोलने का प्रस्ताव दिया। प्रस्ताव पास होने के बाद दो बार इसके शिलान्यास की डेट आगे बढ़ाई गई। लेकिन डॉ। जोशी से शिलान्यास के दौरान समय मिलने पर केंद्रीय मंत्री गुरूवार को कार्यक्रम में शामिल हुए।

सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में होगा इनका इलाज

कार्डियोलॉजी, कार्डियो थोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी, न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, अांकोलॉजी

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ऐसा होगा सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल

- फुल एयरकंडीशंड, सेंट्रल स्टरलाइजेशन व सप्लाई विभाग, गैस स्टेशन, ईपीएबीएक्स सिस्टम, मैकेनिकल लांड्री, माड्यूलर ओटी

कानपुर में ईएसआई एक नजर में

- 24 फरवरी 1952 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कानपुर से की थी पूरे देश में इस योजना की शुरूआत

- मौजूदा समय में 1138 प्रतिष्ठानों के 1.06 कामगार जुड़े, 4.12 लाख लाभार्थी कानपुर से

- 5 अस्पताल, 26 डिस्पेंसरियां, 11 निजी अस्पतालों से टाईअप

- 14.02 लाख कामगार, 54.4 लाख लाभार्थी पूरे प्रदेश में

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