-पिछली सरकार में बसपा नेता था सिंडिकेट का किंग

-सिंडिकेट किंग ने रिश्तेदारों के नाम से लिए थे पट्टे

KANPUR :

यूपी में अवैध खनन के पीछे सिंडिकेट का हाथ है। यह सिंडिकेट मंत्री से लेकर माफिया व सरकारी मशीनरी के गठजोड़ से चल रहा था। आई नेक्स्ट सिंडिकेट किंग और उनके कानपुर कनेक्शन के बारे में आपको पहले ही बता चुका है। अब आपका आई नेक्स्ट इस बात का खुलासा करने जा रहा है कि सिंडिकेट कब से काम कर रहा है? अभी आप सोच रहे होंगे कि यह सिंडिकेट सपा के सत्ता में आने के बाद से चल रहा है तो यह गलत है। यह सिंडिकेट सपा के सत्ता में आने से पहले से चल रहा है। सरकार चाहे जिसकी भी हो? अवैध खनन का 'खेल' यही सिंडिकेट करता है। बस सिंडिकेट का मुखौटा यानि किंग बदल जाता है। अब आपको बताते हैं कि किस तरह से सरकार बदलने से सिंडिकेट का मुखौटा बदल जाता है, जबकि सिंडिकेट वही रहता है।

सिंडिकेट में शामिल है हर दल के नेता

यूपी में अवैध खनन करने वाले सिंडिकेट की कमान भले ही इस समय कानपुर से जुड़े एक एमएलसी के पास है, लेकिन इस सिंडिकेट में हर दल के नेता शामिल हैं। इसके अलावा सिंडिकेट में कई सफेदपोश बिजनेस मैन भी शामिल हैं, जो चुनाव में हर पार्टी को करोड़ों रुपए का चंदा देते हैं। इसी वजह से यह सिंडिकेट सालों से अवैध खनन का 'खेल' कर रहा है। सरकार बदलते ही सत्ता में आने वाली पार्टी का नेता सिंडिकेट का मुखिया बन जाता है और वो अपने आदमियों के नाम जमीन का पट्टा कराकर खदानें चलवाता है। इन्हीं के बीच या सिंडिकेट में शामिल नेताओं की खदानें चलती हैं या फिर उनका कट लग जाता है।

20 साल से चल रहा है 'खेल'

अवैध खनन का यह 'खेल' पिछले बीस साल से चल रहा है। इसकी पुष्टि अवैध खनन का सिंडिकेट चला चुके एक सफेदपोश ने आई नेक्स्ट से की है। उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पिछली सपा सरकार में यह 'खेल' शुरू हुआ था। इसके बाद बसपा सरकार में भी यह 'खेल' जारी रहा। उस समय बांदा के कद्दावर मंत्री की कृपा से एक बसपा नेता सिंडिकेट किंग था। उसने पांच साल सिंडिकेट चलाया था। यह बसपा नेता अभी भी सिंडिकेट में शामिल रहकर अवैध खनन करा रहा है, लेकिन वो पर्दे के पीछे है। इस बसपा नेता ने अवैध खनन से इतनी काली कमाई कर ली है कि अब वो विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। उसको बसपा सुप्रीमो के करीबी बांदा के नेता की मदद से टिकट भी मिल गई है।

रिश्तेदारों के नाम पर है जमीन के पट्टे

उस वक्त अवैध खनन कराने वाले सिंडिकेट किंग ने रिश्तेदारों के नाम पर पट्टे लिए थे। जिन पर धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा था। अब सीबीआई जांच शुरू होने से ये खदानें शांत हैं। खनन की काली कमाई के लालच में सिंडिकेट किंग जमीन को खोखला कर रहा है। ज्यादा खनन कराने के लिए एक खदान पर तीन से चार पोकलैंड (बालू खोदने वाली मशीन) लगी थीं। आई नेक्स्ट को इन खदानों में होने वाली खोदाई की तस्वीरें भी मिल गई हैं।

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जांच एजेंसी के राडार में आया सिंडिकेट किंग

अवैध खनन के कानपुर कनेक्शन का खुलासा होते ही हड़कम्प मच गया है। अभी तक सिंडिकेट किंग के बारे में जांच एजेंसी को मालूम नहीं था, लेकिन आई नेक्स्ट से छपी खबर से जांच एजेंसी को हिंट मिल गई है। इधर, आनन फानन में सिंडिकेट किंग ने बंगले से नोट गिनने वाली मशीन समेत काली कमाई से जुड़े कागजात हटवा दिए हैं। यही हाल उनके भाई का भी है। उन्होंने भी अपने फ्लैट से खदानों से जुड़े दस्तावेजों और प्रापर्टी से जुड़े कागजातों को हटा दिया है। बताते चले कि सिंडिकेट किंग ने अवैध खनन की काली कमाई से नौकर समेत अन्य लोगों के नाम बेनामी सम्पत्ति खरीद रखी है। वहीं, आई नेक्स्ट की खबर को प्रशासन समेत सीबीआई ने भी संज्ञान में ले लिया है। उन लोगों ने इस एंगल पर भी जांच शुरू कर दी है।