-कमिश्नर की जांच से निर्माणाधीन एजेंसी के हाथ पांव फूले

-छज्जू के बाड़े के पास एक बार फिर ठीक किया जाएगा ट्रैक

KANPUR: जू को बाल ट्रेन सप्लाई करने वाली कंपनी की टीम दो दिन खानापूर्ति करने के बाद आखिरकार मंडे को बैरंग लौट गई। वहीं कमिश्नर ने सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट की जांच प्रशासनिक अधिकारियों से शुरू करा दी है। कमिश्नर के एक्टिव होते ही ट्रैक का निर्माण करने वाली एजेंसी के ऑफिसर्स की हालत खराब हो गई है। जिसके बाद अब एक बार फिर ट्रैक को ठीक कराने की कवायद शुरू करने की तैयारी की जा रही है। सोर्सेज के मुताबिक छज्जू बाड़े के पास ट्रैक को दुरुस्त कराया जाएगा। जिसके चलते करीब 15 दिन तक विजिटर्स को बाल ट्रेन में सफर करने का मौका नहीं मिलेगा।

तो फिर कहां है आरडीएसओ की रिपोर्ट

ट्रैक का निर्माण कराने वाली एजेंसी के प्रोजेक्ट इंचार्ज आरएम अग्निहोत्री के दावे और रिपोर्ट अब कहां हैं। वह अक्सर दावा करते थे कि आरडीएसओ के ऑफिसर से ट्रैक की जांच करा ली गई है। अगर जांच करा ली गई थी तो वह उनका सार्टिफिकेट क्यों नहीं पेश कर रहे हैं। सवाल यह है कि आरडीएसओ रेलवे के लिए रिसर्च करती है न कि वह ट्रैक क्लियरेंस का प्रमाणपत्र देती है। यही वजह है कि कमिश्नर मो। इफ्तिखारुद्दीन के एक्टिव होते ही एजेंसी के अधिकारियों की हालत खराब हो गई है।