कानपुर (ब्यूरो) एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद भी मौके पर खड़े थे। एसडीएम वीडियो में जेसीबी चला दो का इशारा करते हुए नजर आ रहे हैं। जेसीबी ड्राइवर से एसडीएम शिवलिंग को हिलाने के लिए बोलते हैं.ड्राइवर के चबूतरा तोडऩे के दौरान नंदी की प्रतिमा खंडित हो जाती है। थानेदार नंदी की प्रतिमा को तौलिया में लपेटकर अपनी गाड़ी में रख लेते हैं। हालांकि, इसके कुछ देर बाद वहां हंगामा बढ़ जाता है, फिर कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित (41) दौडक़र झोपड़ी के अंदर जाती हैं। वहां आग लग जाती है। इसमें प्रमिला और उनकी बेटी नेहा (21) की मौत हो जाती है।

एसआईटी की जांच में सामने आया वीडियो

मां-बेटी की मौत के बाद यह पूरा मामला सुर्खियों में आ गया। परिजन की शिकायत पर एसडीएम समेत 20 से ज्यादा लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है। एसआईटी मामले की जांच कर रही है। एसआईटी की जांच में यह वीडियो सामने आया है। मां-बेटी की मौत मामले में प्रशासनिक अफसरों के साथ ही पुलिस पर गंभीर आरोप लगा है।

10 वीडियो जांच में शामिल

इस वीडियो के अलावा, एसआईटी ने 10 वीडियो को अपनी जांच में शामिल किए हैं। घटना के वक्त प्रशासन ने भी वीडियोग्राफी कराई है। हालांकि एसआईटी ने प्रशासनिक अफसरों से भी वीडियोग्राफी मांगी है। लेकिन प्रशासन ने इसे सौंपा नहीं है।

2.30 मिनट का वीडियो

कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी जिंदा जल गए। प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने गया था.इससे जुड़ा 2.30 मिनट का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि अतिक्रमण हटाने के दौरान महिला चिल्लाते हुए दौडक़र झोपड़ी में जाती है और दरवाजा बंद कर देती है।

आगे बुझाने का बुलडोजर बुलाया

पुलिस भी दौडक़र वहां पहुंचती है और दरवाजा तोड़ देती है। इसी बीच झोपड़ी में आग लग जाती है। लोग आग-आग चिल्लाने लगते हैं। पुलिस आग बुझाने के लिए बुलडोजर मंगाती है और झोपड़ी गिरवा देती है। परिवार का आरोप है कि दबंगों के साथ मिलकर अफसरों ने हमारी झोपड़ी में आग लगा दी। वहीं समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर मुआवजा देने की मांग की है।

एक सप्ताह में शासन को देनी है रिपोर्ट

सोमवार को अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। पुलिस-प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने गया था। घटना के बाद ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन की टीम को दौड़ा लिया था। अफसरों ने भाग कर जान बचाई। तनाव को देखते हुए गांव में फोर्स तैनात कर दी गई। मंगलवार को अधिकारियों ने परिजनों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे। एसआईटी एक सप्ताह में रिपोर्ट शासन को देगी। इधर डीएम ने मजिस्ट्रेटी जांच एडीएम वित्त एवं राजस्व को सौंपी है।