कानपु(ब्यूरो)। साहब ! हमार लाल बहुत नीक रहै। जब से बियाओ भा, तब ते कलेश होत रहै। हम बहुत रोका, लेकिन मानै नहीं, हम जिंगला ते रुकती रहिन लेकिन बिटवा फांसी लगाई लिहिसयह दर्द उस मां का है, जिसकी आंखों के सामने उसके बेटे ने फांसी लगा ली। बेटे ने कमरे के अंदर फांसी के फंदे पर तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। खिडक़ी के बाहर खड़ी बेबस मां उसे देखती रही, लेकिन कुछ न कर सकी। बेटे की मौत से मां बेसुध है। उसका रो-रोकर बुरा हाल है। उसको यकीन ही नहीं हो रहा है कि जिस बेटे को लाड-प्यार से पाल पोस कर बड़ा किया, उसे एक दिन इस तरह से दुनिया से जाते हुए देखेगी।

बुधवार शाम की है घटना
पनकी के पतरसा निवासी जगदीश प्रसाद के 24 साल के बेटे शोभित की बिजली की दुकान थी। 4 महीने चार दिन पहले उसकी शादी रचना से हुई थी। शोभित के भाई भीमराव ने बताया कि शोभित का पत्नी से झगड़ा होता रहता था। बुधवार सुबह से ही रचना घर में शोभित से झगड़ा कर रही थी, जिसकी वजह से वह दुकान भी नहीं गया था। दोपहर बाद रचना को दो जीजा आए, जिन्हेें फोन करके बुलाया गया था। दोनों ने शोभित के साथ मारपीट की और रचना को लेकर चले गए।

खुद को कमरे में बंद करके लगाई फांसी
शोभित की मां सरोज ने बताया कि शाम लगभग चार बजे उसे कमरे के अंदर से कुछ आवाज सुनाई दी तो वह खिडक़ी से अंदर झांकने लगीं। बेटे को फांसी लगाते देखा तो सहम गईं। चीखती हुई दरवाजे की तरफ भागी लेकिन दरवाजा बंद था, बेटे को कई बार मना किया। फंदे को गले से निकालने को भी कहा। तब तक आस पास के लोग भी आ गए। उन्होंने भी मना किया लेकिन शोभित नहीं माना और फांसी लगाकर जान दे दी।

पुलिस ने ताला तोडक़र शव निकाला बाहर
सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों से वारदात की जानकारी ली और शव उतारकर कार्रवाई शुरू की। प्रभारी निरीक्षक पनकी ने बताया कि अभी तक कोई तहरीर नहीं मिली है, तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।