-वकालत का दिमाग लगाकर सबूत तो नष्ट किए, लेकिन नए सबूत बनाता गया

-व्हॉट्सएप मैसेज से पता चल गई रिश्तों की कहानी, मैसेज के रिकवर होते ही पति की खुली पोल

KANPUR : महिला जज प्रतिभा का कातिल पति पेशे से वकील है। उसे कानून से खेलना आता है, लेकिन शायद वो कानून से खेलते-खेलते यह भूल गया कि कातिल की एक ही गलती उसे फांसी के फंदे तक पहुंचा देती है। यहां पर कातिल पति ने वकालत का दिमाग लगाते हुए हत्या करने से पहले उससे बचने की स्क्रिप्ट तो तैयार कर ली थी, लेकिन वो उसको अन्जाम तक नहीं पहुंचा पाया। उसने बचने के लिए सबूतों को मिटाया तो जरूर, लेकिन वो अपने गुनाह के नए सबूत छोड़ता चला गया। जिससे वो अपने ही बनाए जाल में फंस गया। आपको बताते हैं उसने किस तरह से सबूतों को मिटाकर आत्महत्या की कहानी गढ़ी और पुलिस को कैसे उस पर श्ाक हुआ।

गला दबाकर हत्या की

प्रतिभा को पीटने के बाद गला दबाकर हत्या की गई थी, उसके शरीर में एक दर्जन से ज्यादा चोट के निशान मिले हैं, जबकि उसके दोनों हाथों की नस कटी थी। जिससे पुलिस को प्रतिभा की हत्या का शक हुआ। जब पुलिस ने फोरेंसिक टीम से जांच कराई तो पता चला कि प्रतिभा की हत्या के बाद नस काटी गई है। इससे उनका शक यकीन में बदल गया। फोरेंसिक विभाग के एक अफसर के मुताबिक जब किसी जिंदा इंसान की हाथ की नस को काटा जाएगा तो खून फव्वारे की तरह निकलता है। इस स्थिति में फर्श में खून फैलने की संभावना रहती है, लेकिन इस केस में ऐसा नहीं हुआ। प्रतिभा के हाथों की नस काटी थी, लेकिन खून नहीं फैला था, इससे साफ है कि उसकी हत्या के बाद नसें काट गई थी।

दोनों हाथों की नस नहीं काट सकते

प्रतिभा के दोनों हाथों की नसें कटी थीं। फोरेंसिक एक्सपर्ट के मुताबिक यह तभी संभव हो सकता है जब किसी दूसरे ने उसके हाथ की नस काटी हो। फोरेंसिक अफसर के मुताबिक अगर प्रतिभा लेफ्टी होती तो वो दाएं हाथ की नस काटती और अगर वो राइट हैंड का यूज करती थी तो वो बाएं हाथ की नस काटती। एक बार एक हाथ की नस कटने के बाद बमुश्किल कोई खुद दूसरे हाथ की नस काट पाता है। इससे साफ है कि प्रतिभा ने खुद हाथ की नस नहीं काटी थी। बल्कि किसी और ने उसकी हाथ की नस काटी है, यानि उसकी हत्या हुई है।

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पंखे के ब्लेड सीधे होना

मनु ने जिस चुन्नी से प्रतिभा के सुसाइड करने का दावा किया था। पुलिस ने उसे चेक किया तो उसमें खून का निशान नहीं था, जबकि प्रतिभा की हाथ की नस कटने से खून बहा होना चाहिए था। अगर उसने नस कटने के बाद फंदा लगाया था तो चुन्नी में खून मिलना चाहिए, यानि किसी दूसरे ने चुन्नी से फंदा तैयार किया था। इसके अलावा जब कोई पंखे से फांसी लगाता है तो पंखे के ब्लेड मुड़ जाते हैं और फिर वो चलने योग्य नहीं रह जाता है, लेकिन इस केस में ऐसा नहीं हुआ। एसएसपी ने जब मौके पर जाकर देखा तो पंखे के ब्लेड सीधे थे और वो चल रहा था।

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गेट खोलने की कहानी भी झूठी

मनु ने गेट के बाएं पल्ले को धक्का दे खोलकर कॉलोनी में घुसने की कहानी गढ़ी थी। उसने कहानी को सच साबित करने के लिए बाएं पल्ले की ओर के प्लास्टर को भी तोड़ दिया था, लेकिन जब एसएसपी ने खुद सीन को दोहराया तो पता चला कि बाएं पल्ला उसी सूरत में खुलेगा, जब दाहिने साइड वाला पल्ला खुल जाएगा। इसके साथ ही एसएसपी ने प्लास्टर टूटने को चेक किया तो पता चला कि पल्ले की कुंडी प्लास्टर से टकराती ही नहीं है। फिर प्लास्टर कैसे टूट सकता है। इससे साफ हो गया था कि मनु ने झूठी कहानी गढ़ने के लिए खुद प्लास्टर को तोड़ा है।

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व्हॉट्सएप पर मैसेज डिलीट किए

पुलिस को परिस्थिति और सबूतों से मनु पर शक हो गया था, लेकिन पुलिस को और सबूत चाहिए थे। पुलिस ने मनु और प्रतिभा की बातचीत को चेक करने के लिए व्हॉट्सएप चेक किया तो उससे मैसेज डिलीट थे। इससे पुलिस का शक और बढ़ गया। पुलिस ने मैसेज रिकवर कराया तो उसमें दोनों की बात का सारा ब्यौरा सामने आ गया। जिससे पुलिस को पता चला कि दोनों के बीच अच्छे संबंध नहीं थे। मनु ने मैसेज में उनको देख लेने और सबकुछ फाइनल करने की धमकी दी थी। इस सबूत ने मनु को आरोपी बनाने के लिए आखिरी कील का काम किया और पुलिस ने मनु को गिरफ्तार कर लिया।