कोरोना संक्रमण पहले से ज्यादा खतरनाक हुआ

- पहले के मुकाबले ज्यादा क्रिटिकल हालत में पहुंच रहे कोविड पेशेंट्स, म्यूटेटेड वायरस के प्रभाव की आशंका

- पेशेंट्स में वायरल लोड भी ज्यादा, ज्यादा ऑक्सीजन की हो रही खपत, नए वैरियेंट की पहचान के लिए प्रयास जारी

केस-1-

रिपोर्ट आने से पहले ही मौत

दो दिन पहले चकेरी के विराट नगर में मुंबई से लौटे 30 साल के एक युवक की कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से मौत हो गई। वह 29 मार्च को ही कानपुर लौटा था। खांसी बुखार होने पर उसने प्राइवेट लैब में जांच भी कराई। उसे दूसरी कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। लेकिन 1 मार्च को रिपोर्ट आने से पहले ही उसकी घर में ही मौत हो गई। जबकि युवक का भाई भी कोरोना संक्रमित हो गया।

केस-2-

तेजी से बिगड़ी हालत, मौत

पिछले हफ्ते पुणे से आए आवास विकास कल्याणपुर निवासी 63 साल के एक बुजुर्ग की कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से एलएलआर हॉस्पिटल की कोविड विंग में डेथ हो गई। कोमार्बिडिटी के नाम पर उन्हें कोई ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं थी,लेकिन कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद उनकी हालत तेजी से बिगड़ी। वह कोविड विंग के आईसीयू में जब भर्ती हुए उस वक्त तक उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल काफी गिर चुका था। डॉक्टर्स ने उन्हें बचाने की काफी कोशिश की,लेकिन उनकी मौत हो गई।

KANPUR: सिटी में कोरोना वायरस की दूसरी वेव आ चुकी है। कोरोना वायरस का प्रभाव तेजी से शहर के अलग -अलग हिस्सों में फैल रहा है। वहीं जिन कोरोना संक्रमित पेशेंट्स को भर्ती करना पड़ रहा है। वह बेहद नाजुक हालत में आ रहे हैं। बीते 10 दिनों में इसी वजह से सिर्फ एलएलआर हॉस्पिटल में ही 10 से ज्यादा कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है। वहीं कई सीरियस पेशेंट्स का अभी भी कोविड आईसीयू में इलाज चल रहा है। दिनों दिन यहां भर्ती संक्रमितों की संख्या भी बढ़ती जा रही है.डॉक्टर्स कोरोना वायरस का पहले से ज्यादा ताकतवर वैरियेंट आने की संभावना पहले ही जता चुके हैं। जिसकी वजह से संक्रमितों की हालत ज्यादा सीवियर हो रही है

तेजी से गिर रहा सेचुरेशन लेवल

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ.प्रेम सिंह ने जानकारी दी कि जो संक्रमित गंभीर हालत में भर्ती हो रहे हैं। उनमें ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल तेजी से या अचानक गिर रहा है। कई पेशेंट तो 60 परसेंट के ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल पर भर्ती हुए हैं। इनमें से कई के लंग्स की सीटी स्कैन जांच कराई गई तो उसमें वायरस का प्रभाव साफ दिखाई दिया। लंग्स में जाल जैसा दिख रहा है। कई मामलों में लंग्स में ब्लड की क्लॉटिंग भी मिल रही है। इन पेशेंट को मैनेज करना ज्यादा मुश्किल होता है। उनमें रेम्डेसिविर की डोज अगर समय पर लग जाए तो हालत में सुधार तेजी से हो सकता है।

कौन से वैरियेंट का प्रभाव यह जानना मुश्किल

दरअसल डॉक्टर्स यह तो मान रहे हैं कि कोरोना वायरस का नया वैरियेंट शहर में आ चुका है,लेकिन यह कौन सा वैरियेंट है इसकी पहचान अभी नहीं हो सकती है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की ओर से 18 मार्च और फिर 22 मार्च को कुल 5 सैंपल वायरस के वैरियेंट की पहचान के लिए केजीएमयू की लैब भेजे गए,लेकिन जब इनकी जांच शुरू की गई तो पता चला कि सैंपल को ठीक से प्रिजर्व नहीं किया गया या फिर ट्रांसपोर्टेशन में कोल्ड चेन टूट गई। इस वजह से जांच ही नहीं हो सकी। अब फिर से विभाग की ओर से 5 सैंपल जांच के लिए केजीएमयू भेजे जा रहे हैं।

एलएलआर लेवल-3 कोविड विंग डाटा-

53- कोरोना पेशेंट्स भर्ती

14- ऑक्सीजन पर

9- वेंटीलेटर पर

3- बाईपेप पर

संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है। जो संक्रमित भर्ती हो रहे हैं। उनमें से कई गंभीर हालत में आए हैं। वायरस पहले से ज्यादा पावरफुल हुआ है। इसलिए अब पहले से ज्यादा सतर्क रहने की भी जरूरत है।

- प्रो.प्रेम सिंह, मेडिसिन डिपार्टमेंट जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

वायरस के कई वैरियेंट देश में सक्रिय हैं। अलग अलग जगहों पर इसकी पहचान भी हुई है। वायरस का एक वैरियेंट डबल म्यूटेड भी हुआ है। इस बार वायरस ज्यादा तेजी से फैल रहा है।

- डॉ। विकास मिश्र, एसोसिएट प्रोफेसर, कोविड लैब इंचार्ज, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज