कानपुर (ब्यूरो) एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार को महिला लेखपाल अंजली यादव को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसी के साथ विभाग ने इस साल रिश्वतखोर सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस साल के 9 महीनों में अब तक पांच मामलों में सात सरकारी कर्मचारियों की अरेस्टिंग की जा चुकी है। जबकि इससे पहले के सालों में अधिकतम कार्रवाई की संख्या चार थी। वहीं बीते साल की बात करें तो विभाग ने टोटल 12 ट्रैप किए हैं।

मंगलवार को घाटमपुर में एंटी करप्शन की टीम ने मंगलवार को घाटमपुर तहसील में तैनात लेखपाल अंजली यादव को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। अंजली यादव ने दौलतपुर क्षेत्र के गांव धनमती रामपुर, मकरंदपुर निवासी राकेश कुमार साहू से पैमाइश के नाम पर चार हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। इस साल एंटी करप्शन की ये पांचवीं अरेस्टिंग थी।

थाने का दर्जा मिलते ही एंटी करप्शन को थाने का दर्जा पिछले साल सितंबर में मिला था। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो एंटी करप्शन ने साल 2020 में रिश्वतखोरी में सर्वाधिक तीन मामलों में गिरफ्तारियां की थी, जबकि इस साल अब तक पांच मामलों में सात आरोपियों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2016 से अगस्त 2023 तक कुल 16 मुकदमे दर्ज हुए हैं। यानी पिछले छह सालों में केवल 12 मुकदमे ही दर्ज हुए। पिछले साल तो केवल एक मामले में ही गिरफ्तारी हुई थी।
शिकायतों पर निर्भर सक्सेस
एंटी करप्शन के अधिकारियों के मुताबिक उनकी सफलता लोगों की शिकायतों पर आधारित है। जितनी शिकायतें आती हैं, उसके अनुसार ही कार्रवाई की जाती है। खास बात ये है कि इस साल जिन पांच मामलों में कार्रवाई हुई है, उसमें से तीन मामले राजस्व से जुड़े हैं।