- ¨सचाई बंधु की बैठक में उठी थी जांच कराए जाने की मांग

- एक माह में ही करा कर दिया गया 40 लाख का भुगतान

FATEHPUR :असोथर ब्लाक के ऐझी कोटवा गांव के समीप यमुना नदी के किनारे भ्भ् करोड़ रुपए की लागत से स्थापित जरौली पंप कैनाल के काम में खूब खेल किया गया है। ऐसे ठेकेदारों के नाम भुगतान किए गए है जिन्हें स्वयं नहीं मालूम था कि उन्हें काम कराने का ठेका दिया गया। काम में मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए विभागीय अधिकारियों ने ब्0 लाख रुपए का भुगतान करा दिया गया है।

इस कैनाल में आठ पंप है, जिसमें सात पंपों से जलापूर्ति होती है। इससे जिले के असोथर, विजईपुर एवं धाता ब्लाक के किसानों को जलापूर्ति की जाती है। वहीं कौशांबी के मंझनपुर एवं सिराथू ब्लाक के किसानों को जलापूर्ति किया जाता है। पिछले दस वर्ष कैनाल की सिल्ट सफाई नहीं हुई थी, जिससे कैनाल के पांच पंप ब्लाक हो गए थे और जलापूर्ति नहीं कर रहे थे । इससे आधे से अधिक किसानों की खेती अ¨सचित रह जाती थी। पंपों में रिसाव होने से पानी यमुना नदी में पुन: लौट जाता है।

किसान सिल्ट सफाई की मांग को लेकर कई बार कलेक्ट्रेट में आकर धरना प्रदर्शन करते थे और सिल्ट सफाई की जांच कराए जाने की मांग की थी। बसपा शासन काल में भी इस कैनाल की सिल्ट सफाई कराए जाने की आवाज उठी थी, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने कैनाल की सिल्ट सफाई में खूब खेल किया।

¨सचाई बंधु की बैठक में जरौली पंप कैनाल की सिल्ट सफाई का मामला उठा था और कई किसानों ने हुए काम की जांच कराए जाने की मांग की थी, लेकिन मामले में जांच के लिए प्रशासनिक अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। इससे किसानों में आक्रोश है और इस मुद्दे पर आंदोलन करने की भी योजना है।

जांच की नहीं सूची देने की मांग उठी थी

- जरौली पंप कैनाल की सिल्ट सफाई का काम देखने वाले निचली गंगा कैनाल के एक्सईएन आरके गुप्ता का कहना था कि ¨सचाई बंधु की बैठक में जांच की नहीं केवल काम की सूची देने की मांग उठी थी। कहा कि काम की सूची जनप्रतिनिधियों को देने की मांग उठी थी।