कानपुर (ब्यूरो)। न्यू एकेडमिक सेशन यानि 2023-24 से पॉलीटेक्निक इंस्टीट्यूट्स मेें चल रहे तीन वर्षीय डिप्लोमा इंजीनियरिंग के 18 कोर्स का सिलेबस बदल जाएगा। विकास नगर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च डेवलपमेंट एंड ट्रेनिंग (आईआरडीटी) ने एआईसीटीई, एनईपी, एनएसक्यूएफ और इंडस्ट्री की डिमांड के अनुसार सिलेबस को अपडेट करना शुरू किया है। न्यू एकेडमिक सेशन मेें एडमिशन लेने वाले स्टूडेंंट्स को न्यू सिलेबस से पढ़ाई करने को मिलेगी। इस कोर्स रिवीजन के लिए एआईसीटीई की ओर से जारी किए गए मॉडल करिकुलम फॉर डिप्लोमा कोर्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की भी मदद ली जा रही है। इस करिकुलम में बताए गए कंटेंट को भी कोर्स में शामिल किया जाएगा।

करिकुलम डेवलपमेंट के लिए ट्रेनिंग
आईआरडीटी में बीते दिनों करिकुलम डेवलपमेंट के लिए फैकल्टी और एक्सपर्ट को ट्रेनिंग दी गई है। सिलेबस को अपडेट या चेंज करने वाली टीम में भी इस ट्रेनिंग को करने वाले एक्सपर्ट को रखा गया है। इस ट्रेनिंग में करेंट टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री की डिमांड आदि के बारे में पार्टिसिपेंट्स को ट्रेंड किया गया है।

इंडस्ट्री में जाकर जानेंगे डिमांड
कोर्स को अपडेट करने के लिए इंडस्ट्री में जाकर उनकी डिमांड को जाना जाएगा। इसके लिए सब्जेक्ट स्पेशलिस्ट अपने कोर्स से रिलेटेड इंडस्ट्री में जाकर वहां की डिमांड को समझेंगेे। इंडस्ट्री की फ्यूचर डिमांड और करेंट टेक्नोलॉजी को कंटेंट के रूप में सिलेबस के रूप में जोड़ा जाएगा। इसके अलावा कोर्स में उन चीजों को हटाया जाएगा जो कि करेंट में आउटडेटेड हो चुकी हैैं या फिर उनकी डिमांड नहीं है।

डिप्लोमा इंजीनियरिंग के बेनीफिट
पॉलीटेक्निक में चलने वाले तीन वर्षीय डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स में 10वीं के बाद एडमिशन मिलता है। इसमें एडमिशन लेने के लिए आपको जेईईसीयूपी के एंट्रेंस एग्जाम को पास करना होगा। बेनीफिट की बात करें तो उप्र सरकार के शासनादेश के अनुसार डिप्लोमा इंजीनियरिंग को 12वीं के समकक्ष माना जाता है। इसको करने के बाद बीटेक सेकेंड ईयर में लेटरल एंट्री के माध्यम से एडमिशन मिल जाता है। इसके अलावा डिप्लोमा इंजीनियरिंग के बाद गवर्नमेंट या प्राइवेट सेक्टर में जूनियर इंजीनियर की जॉब मिलना तय रहता है।

इन इंजीनियरिंग कोर्स का बदलेगा सिलेबस
मैकेनिकल, इलेक्ट्रानिक्स, केमिकल, सिविल, इलेक्ट्रीकल्स, सीएस, मैकेनिकल (रिपेयरिंग एंड मेंटेनेंस), मैकेनिकल (कम्प्यूटर एडेड डिजाइन), मैकेनिकल (आरएसी), मैकेनिकल (आटो मोबाइल), मैकेनिकल (प्रोडक्शन), आईसीटी, इलेक्ट्रानिक्स (एडवांस माइक्रोप्रोसेसर एंड इंटरफेस), इलेक्ट्रानिक्स (मॉडर्न कंज्यूमर इले। एप्लाइंसेस), इलेक्ट्रानिक्स (माइक्रो), सिविल (एनवायरमेंट पाल्यूशन एंड कंट्रोल), इलेक्ट्रीकल (इंडस्ट्रीयल कंट्रोल) और