KANPUR : इस बार होलिका दहन पिछले कई वर्षो की अपक्षा जल्दी होगा। पुरोहितों ने रविवार की शाम 6:31 बजे के बाद दो घंटे तक होलिका दहन का मुहूर्त निकाला है।

होली का माहौल बनने लगा है। चौराहों पर होलिका दहन के लिए लकडि़यों के ढेर लगाए जाने लगे हैं। होली का बाजार भी सज गया है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन इस बार 12 मार्च यानी रविवार को होगा। आचार्य पंडित दीपक पाण्डेय के मुताबिक होलिका दहन का मुहुर्त शाम 6:31 बजे से रात 8:23 बजे तक रहेगा। उन्होंने बताया कि विष्णु पुराण में प्रह्रलाद-होलिका की कथा है। मान्यता है कि राजा हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्रलाद की भगवान विष्णु की भक्ति से चिढ़ कर उसे बहन होलिका को गोद में लेकर अग्नि में बैठा कर भस्म करने का कुचक्र रचा। होलिका के पास एक ऐसी चादर थी, जिससे अग्नि का उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। श्रीहरि का नाम लेते हुए प्रह्रलाद होलिका की गोद में बैठ गया। भगवान की कृपा हुई और होलिका भस्म हो गई और प्रह्रलाद सकुशल अग्नि से बाहर आ गया। उसी समय से रंग खेलना शुरू हो गया।