-भारतीय टीम के 500वें टेस्ट का बनेगा मेजबान

KANPUR (21 Sept, Agency): दुनिया के सबसे पुराने टेस्ट सेंटर्स में से एक कानपुर के ग्रीनपार्क मैदान का नाम गुरुवार से शुरू हो रहे भारतीय टीम के 500वें टेस्ट मैच की मेजबानी के साथ ही भारत के क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों के साथ दर्ज हो जाएगा। 21 टेस्ट मैच और 14 वनडे मैचों की मेजबानी कर चुके इस मैदान पर गुरुवार को भारतीय टीम मेहमान न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना 500वां मैच सेलिब्रेट करेगी। इस दौरान भारत के कम से कम 12 फॉर्मर कैप्टंस मौजूद रहेंगे, जिन्हें बीसीसीआई ने खासतौर पर यहां होने वाले सेलिब्रेशन के लिए इनवाइट किया है। मैच से पहले इन कप्तानों का सम्मान भी किया जाएगा।

गौरवशाली है इतिहास

बीसीसीआई ने 500वें टेस्ट मैच के लिए ग्रीनपार्क को खासतौर पर चुना है। दरअसल, यह भारत के सबसे पुराने टेस्ट मैदानों में से एक है और यहां आज भी टेस्ट मैच का अहसास बरकरार है। यहां पर पहला टेस्ट 1952 में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया था। 50 के डिकेड में यहां चार टेस्ट मैचों का आयोजन हुआ। इसके बाद से लेकर आज तक ऐसा कोई डिकेड नहीं रहा, जब ग्रीनपार्क ने टेस्ट मैच का आयोजन न किया हो। इस बीच कई विवादों से भी इसका नाता रहा, लेकिन हर विवाद को पीछे छोड़कर यह मैदान अपना मुकाम बनाता चला गया।

7 साल बाद मेजबानी

ग्रीनपार्क में भारत और न्यूजीलैंड के बीच यह टेस्ट मैच 7 साल बाद खेला जा रहा है। इससे पहले 24 से 27 नवंबर 2009 को भारत और श्रीलंका के बीच आखिरी टेस्ट मैच खेला गया था। ऐसा नहीं था कि इसके बाद ग्रीनपार्क को टेस्ट मैच की मेजबानी नहीं मिली, लेकिन यूपीसीए और स्टेट गवर्नमेंट के बीच आपसी मतभेदों के चलते उसे मेजबानी गंवानी पड़ी।

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कोट कोट

ग्रीनपार्क आकर पुराने दौर का अहसास होता है। यहां ज्यादा कुछ नहीं बदला है। चाहे वो प्रैक्टिस का तरीका हो, विकेट हो या फिर मैदान। यहां एथनिक कनेक्ट होता है। यहां 500वें टेस्ट का अलग ही अहसास है।

-विराट कोहली, कप्तान, भारत

मैं 28 साल से कानपुर को देख रहा हूं। यहां कुछ भी नहीं बदला। मुझे इसकी आदत है। यहां आकर अलग सा अहसास होता है।

-अनिल कुंबले, कोच, भारत