ट्राई ने शुक्रवार को इस संबंध में परिचर्चा पत्र जारी किया गया है। जिसमें यह कहा गया है कि, ऐसा लगता है कि कॉल ड्रॉप के खिलाफ कस्टमर्स को राहत देने के उपाय तभी प्रभावी होंगे जबकि ये उपभोक्ताओं तक पहुंचें। इसके साथ ही ट्राई ने प्रस्ताव भी सुझाए हैं, जिसमें ड्राप होने वाली कॉल का शुल्क न लेना, टॉक टाइम मोबाइल नंबर पर डालना या फिर राशि डालना शामिल है। ट्राई ने इन प्रस्तावों पर जनता से सुझाव भी मांगे हैं।
जल्द शुरू होने के आसार
फिलहाल, जो प्रस्ताव ट्राई ने तैयार किए हैं उसमें यह बात है कि कोई भी कॉल जो पांच सेकेंड में कट जाती है उस पर शुल्क नहीं लगना चाहिए। इस मामले पर ट्राई के चेयरमैन आर.एस। शर्मा ने कहा कि कस्टमर कॉल ड्रॉप की समस्या का सामना कर रहे हैं। ऐसे में इसकी भरपाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल कंपनियों के कस्टमर को दी जाने वाली सर्विस के निर्धारित बेंचमार्क पूरे न करने पर जुर्माना लगाया जाता है। लेकिन, जिस तरह से यह प्रॉब्लम बढ़ती जा रही है उसके बाद अब ट्राई सीधे तौर पर कस्टमर को राहत देने की तैयारी कर रही है।
दोगुनी हो गई कॉल ड्राप
नियामक की एक रिपोर्ट के अनुसार व्यस्त समय में कॉल ड्राप की समस्या पिछले एक साल के दौरान करीब करीब दोगुनी हो गई। नियामक ने परिचर्चा पत्र पर सुझाव अथवा टिप्पणी के लिये 28 सितंबर तक का समय दिया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में कॉल ड्रॉप की समस्या पर चिंता जताई थी। जिसके बाद इस इश्यू पर ट्राई तेजी से हरकत में आ गया है।
पब्लिक से मांगें सुझाव
ट्राई ने शुक्रवार को इस संबंध में परिचर्चा पत्र जारी किया गया है। जिसमें यह कहा गया है कि, ऐसा लगता है कि कॉल ड्रॉप के खिलाफ कस्टमर्स को राहत देने के उपाय तभी प्रभावी होंगे जबकि ये उपभोक्ताओं तक पहुंचें। इसके साथ ही ट्राई ने प्रस्ताव भी सुझाए हैं, जिसमें ड्राप होने वाली कॉल का शुल्क न लेना, टॉक टाइम मोबाइल नंबर पर डालना या फिर राशि डालना शामिल है। ट्राई ने इन प्रस्तावों पर जनता से सुझाव भी मांगे हैं।
जल्द शुरू होने के आसार
फिलहाल, जो प्रस्ताव ट्राई ने तैयार किए हैं उसमें यह बात है कि कोई भी कॉल जो पांच सेकेंड में कट जाती है उस पर शुल्क नहीं लगना चाहिए। इस मामले पर ट्राई के चेयरमैन आर.एस। शर्मा ने कहा कि कस्टमर कॉल ड्रॉप की समस्या का सामना कर रहे हैं। ऐसे में इसकी भरपाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल कंपनियों के कस्टमर को दी जाने वाली सर्विस के निर्धारित बेंचमार्क पूरे न करने पर जुर्माना लगाया जाता है। लेकिन, जिस तरह से यह प्रॉब्लम बढ़ती जा रही है उसके बाद अब ट्राई सीधे तौर पर कस्टमर को राहत देने की तैयारी कर रही है।
दोगुनी हो गई कॉल ड्राप
नियामक की एक रिपोर्ट के अनुसार व्यस्त समय में कॉल ड्राप की समस्या पिछले एक साल के दौरान करीब करीब दोगुनी हो गई। नियामक ने परिचर्चा पत्र पर सुझाव अथवा टिप्पणी के लिये 28 सितंबर तक का समय दिया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में कॉल ड्रॉप की समस्या पर चिंता जताई थी। जिसके बाद इस इश्यू पर ट्राई तेजी से हरकत में आ गया है।
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