-पूर्व बैंककर्मी को 16 फरवरी को सांस लेने में दिक्कत पर उर्सला के पास नर्सिग होम में कराया था भर्ती

- हालत बिगड़ने पर किया रेफर, जांच में निकले कोरोना पॉजिटिव, हैलट में दम तोड़ा, 3 परिजन भी संक्रमित

KANPUR: कोरोना वायरस का संक्रमण भले ही काबू में आ गया है, लेकिन प्राइवेट हॉस्पिटल्स की मनमानी बेकाबू है। इसी मनमानी की वजह से एक कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की मौत हो गई। जबकि परिवार के तीन लोग वायरस की चपेट में आ गए। उन्नाव में कल्याणी देवी मंदिर के पास रहने वाले 70 साल के पूर्व बैंककर्मी को 16 फरवरी को सांस लेने में प्रॉब्लम पर उर्सला के पास स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि इस दौरान इलाज करने वाले डॉक्टर्स ने उनकी कोरोना जांच नहीं कराई। बुजुर्ग की हालत बिगड़ती चली गई।

हालत बिगड़ी तो हैलट पहुंचे

25 फरवरी को परिजन हालत बिगड़ने पर उन्हें रीजेंसी अस्पताल लेकर आए। यहां जांच में उन्हें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। जिसके बाद उन्हें एंबुलेंस के जरिए सीधे हैलट की कोविड विंग भेजा गया। साथ ही सभी परिजनों को घर में ही आइसोलेट होने के लिए कहा गया। यहां कांटेक्ट ट्रेसिंग में बुजुर्ग की पत्‍‌नी, बेटा और बेटी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव निकली। वहीं संडे दोपहर को हैलट में बुजुर्ग की मौत हो गई। शाम को शव का कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक भैरोघाट विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया। वहीं अब परिजन इस पूरे मामले में प्राइवेट अस्पताल की लापरवाही मान रहे हैं और आइसोलेशन में ठीक होने के बाद सीएमओ से शिकायत करेंगे।