Devils of the Darkness returns

-चौबेपुर में शिक्षा मित्र के घर पर डकैती डालकर दी दस्तक

-महिला समेत पूरे परिवार को बुरी तरह पीटा, एक हाथ टूटा

-खतरनाक गैंग ने एक साल बाद की कोई वारदात

-रात में बिजली कटौती के दौरान अंधेरे में बढ़ रही वारदातें

KANPUR : कानपुराइट्स के लिए बुरी खबर है कि शहर में कच्छा बनियान गैंग लौट आया है। शनिवार की रात गैंग ने चौबेपुर में शिक्षा मित्र के घर पर डकैती डाली। विरोध करने पर बदमाशों ने घर में महिला समेत अन्य लोगों को बुरी तरह पीटा है। शोर-शराबा सुनकर इलाकाई लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन हमेशा की तरह गैंग के सदस्य वारदात को अन्जाम देकर भाग निकले। बाद में घायलों को नर्सिग होम में एडमिट कराया गया। उनमें से कई की हालत नाजुक बनी हुई है। उधर मौके पर छानबीन के बाद पुलिस डकैती से इनकार कर रही है। उधर एरिया की पब्लिक में रात की बिजली कटौती को लेकर रोष है। लोगों का कहना है कि अंधेरे का फायदा उठाकर ही बदमाश वारदात कर रहे हैं।

बिजली कटौती होते ही घर में घुसे

चौबेपुर के ब्रह्मनगर नई बस्ती में शिक्षा मित्र सूबेदार यादव पत्नी सुधा समेत रहते हैं। उनके ससुर मुन्ना लाल यादव को पिछले दिनों हार्ट अटैक पड़ा था। वह सूबेदार के घर पर रहकर इलाज करा रहे हैं। उनकी देखभाल के लिए उनका छोटा दामाद महेश पत्नी मंजू समेत वहां रह रहा था। शनिवार की वे खाना खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे। तभी बिजली चली गई। जिसके चलते वे घर पर ताला लगाकर बाहर चारपाई बिछाकर सो गए। देर रात को करीब एक बजे खटपट आवाज होने पर सूबेदार समेत अन्य लोगों की नींद टूट गई। उन्होंने देखा कि कच्छा बनियान पहने आधा दर्जन बदमाश राड से गेट का ताला तोड़ रहे हैं। विरोध करने पर बदमाशों ने उनको राड और सरिया से पीटना शुरु कर दिया। उन लोगों ने महिला का मंगलसूत्र, चेन समेत जेवरात लूट लिया। बदमाशों के कान के बाले नोचने से महिला घायल हो गई, जबकि बदमाशों ने एक महिला का हाथ तोड़ दिया। शोर-शराबे को सुनकर इलाकाई लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे, लेकिन उससे पहले बदमाश वहां से भागने में कामयाब हो गए। आनन-फानन में इलाकाई लोगों ने नजदीक के नर्सिग होम में महिला समेत अन्य घायलों को एडमिट कराया। सूचना पर एसओ ने फोर्स समेत मौके पर जाकर पड़ताल की। वो डकैती से इन्कार कर रहे हैं, जबकि घायलों ने कच्छा बनियान बदमाशों की पुष्टि की है।

इस तरह करते हैं वारदात

कच्छा बनियान गैंग खाली हाथ चलता था। वे जिस मकान में घुसते हैं या जहां वारदात करने जाते हैं, वहीं से सरिया, रॉड, चाकू, हॉकी, चारपाई का पाया व अन्य चीजों को हथियार बना लेते हैं। हालांकि अब वे तमंचा समेत अन्य हाईटेक असलहे रखने लगे हैं। वे किसी भी जगह ज्यादा रुकते नहीं है। आंख के इशारे पर काम करते हैं। वे वारदात के समय आपस में किसी का नाम नहीं लेते। घर में घुसते ही लूटपाट शुरु कर देते हैं और कुछ ही देर में वहां से निकल जाते हैं।

ऐसे करते हैं रेकी

कच्छा बनियान गैंग दिन में मदारी, कबाड़ी, फेरी लगाने वाले, रोड किनारे झोपड़ी बनाकर, सपेरा बनकर रेकी करते हैं। जिसके बाद वे रात में वारदात को अन्जाम देते हैं। इसके अलावा वे अब प्राइवेट कंपनी की तरफ से सर्वे करने का बहाना बताकर रेकी करने लगे हैं। गैंग किसी भी घर को टारगेट बनाने से पहले वहां पर एक निशान बना देता है। वे खटारा जीप समेत अन्य वाहनों का इस्तेमाल करते हैं, ताकि उन पर कोई शक न करे। आउटर में ज्यादा वारदातें करते हैं।

स्वभाव से बेहद क्रूर

कच्छा बनियान बदमाश बेहद क्रूर होते हैं। पिछले कई सालों में कच्छा-बनियान गिरोह की डकैतियों का रिकार्ड देखें तो पता चलता है कि मकान में घुसते या वारदात करने से पहले लोगों को बुरी तरह पीट देते हैं, ताकि वे उनका विरोध न कर पाए। वे किसी को जान से मारने में भी नहीं चूकते। बच्चों और महिलाओं को पीटते हैं। महिलाओं के कान से बाले उतरवाते नहीं, बल्कि बाले या नथुनी को नोच लेते हैं।

जमीन में छुपाते है लूट का सामान

कच्छा बनियान गैंग डकैती डालने के बाद नगदी और जेवर को अपने साथ नहीं ले जाते हैं। बल्कि वे चिन्हित जगह पर जमीन खोदकर कपड़े में नगदी और जेवर लपेटकर उसे दफन कर देते हैं, ताकि अगर वे गिरफ्तार हो जाएं, तो पुलिस उनके पास से कोई सामान बरामद न कर पाए। वे वारदात के कुछ दिन बाद लूट के सामान को जमीन से निकालकर बंटवारा करते हैं।

जितना पावर उतनी शान

इस गैंग के सदस्य बेहद ताकतवर और फुर्तीले, पहलवान किस्म के होते हैं। वो आईडेंटिटी छिपाने के लिए शरीर पर केवल कच्छा बनियान पहनते हैं। वहीं कोई पकड़ को हाथ फिसल जाएं इसलिए पूरी बॉडी पर तेल मलते हैं। गैंग का सबसे ताकतवर सदस्य ही सरगना होता है। दो से तीन लोगों से अकेले मोर्चा ले सकते हैं। हैवी डाइट लेते हैं। वे वारदात करने से पहले जमकर शराब पीते है।

पुलिस इनको सुंघाती है लाफिंग गैस!

ये बेहद शातिर होते हैं। वे दूसरे बदमाशों की तरह वारदात के बाद ऐश और आराम की नहीं, बल्कि आम आदमी की तरह जिन्दगी जीते हैं। गलत नाम और पहचान के साथ रहते हैं। इसी से वे पुलिस की पकड़ में नहीं आते। अगर वे पुलिस के हत्थे भी चढ़ जाते हैं, तो वे असली नाम व पता नही बताते हैं। इसी वजह से इनका गैंग रजिस्टर्ड नहीं हो पाता है। वे इतने मजबूत होते है कि इन पर पुलिस की पिटाई का भी कोई असर नहीं पड़ता है। इसलिए पुलिस इनसे कुछ उगलवाने के लिए नाइट्रेट आक्साइड यानी लाफिंग गैस का इस्तेमाल करती है।

--वर्जन--

अभी मामले को इनवेस्टीगेट किया जा रहा है। पुलिस तभी निष्कर्ष पर पहुंचेगी। फिलहाल घरवालों के अनुसार उनपर कच्छा-बनियान गिरोह के लोग घुसे थे।

-प्रभात कुमार सिंह, थानाध्यक्ष चौबेपुर