कानपुर (ब्यूरो)। कई बार फटकार और चेतावनी के बाद भी जिला अस्पताल उर्सला के न तो डॉक्टर सुधर रहे हैं और न कर्मचारी। डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री की वार्निंग का असर भी नहीं हुआ। मंगलवार सुबह 11.30 बजे कमिश्नर एम लोकेशन उर्सला हॉस्पिटल का इंस्पेक्शन करने पहुंचे तो वहां के हालात देखकर दंग रह गए। मरीजों को देख रहे डॉक्टर्स के पास बीपी मशीन, थर्मामीटर, पल्समीटर जैसे उपकरण भी नहीं मिले। दवा वितरण इंचार्ज रूम में आराम फरमाते मिले। वहीं पेशेंट्स को बाहर से दवाइयां भी लिखी जा रही थीं। जिससे गुस्साए कमिश्नर ने डायरेक्टर को कड़ी चेतावनी दी। वहीं दवा वितरण इंचार्ज डा। मिथलेश को कारण बताओ नोटिस और बाहर से दवा लिखे जाने पर डॉ। गौतम जैन को सस्पेंड करने के आदेश दिए। वहीं मानक के अनुरूप ओपीडी संचालन न करने पर डॉ। केएन कटियार व डा। केसी भारद्वाज का वेतन रोकने का निर्देश दिया।

10 दिन का दिया अल्टीमेटम
कमिश्नर डा। लोकेश एम ने अस्पताल के डायरेक्टर डॉ। एसपी चौधरी को पेशेंट्स का रजिस्ट्रेशन और मरीज रजिस्टर व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कहा। डाक्टर्स के पास दवा वितरण की सूची उपलब्ध करानेे और ओपीडी, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे रूम के बाहर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। पैथोलाजी में लैब टेक्नीशियन सुनील कुमार के एंटीसेप्टिक मानक पूरा नहीं करने और डाक्टर्स के एप्रन नहीं पहनने पर भी फटकार लगाई। अस्पताल में जरूरी व्यवस्थाओं को 10 दिन में पूरा करने के निर्देश डायरेक्टर और सीएमएस आनंद मोहन वर्मा को दिए।

निरीक्षण में यह भी मिलीँ खामियां
- एंट्री गेट पर पेशेंट के रजिस्ट्रेशन को लेकर समस्या थी, पेशेंट व तीमारदार परेशान थे
- कैंपस में पेशेंट के लिए गाइड लाइन को लेकर कोई बोर्ड व पोस्टर नहीं मिला।
- पेशेंट ज्यादा होने के कारण कई दिनों से से रजिस्टर मेनटेन नहीं किया जा रहा था।
- कोई भी डाक्टर मरीज को पास बैठा कर उनका इलाज व परीक्षण नहीं कर रहा था।
- किसी भी डाक्टर के पास अस्पताल में मौजूद दवाओं की लिस्ट टेबल पर नहीं थी।
- जानकारी देने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का यूज नहीं किया जा रहा था।
- अस्पताल को स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर के अनुसार ऑपरेट नहीं किया जा रहा था। ।