- लॉकडाउन के दौरान बिक रही सब्जियों के मुकाबले तीन गुने दामों तक बिक रही सब्जियां

- समय पर सब्जियों की बुआई नहीं हो पाने की वजह से दामों में आया उछाल, थाली से दूर हो रही

KANPUR : सब्जियों के रेट में तीन गुना तक बढ़ोतरी होने से किचन का बजट बिगड़ने लगा है। आलू, प्याज के साथ अन्य प्रदेशों और अन्य जिलों से आने वाली हरी सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। हालात यह है कि हरी सब्जियां धीरे-धीरे थालियों से गायब होती जा रही है। लॉकडाउन के दौरान बिक्री होने वाली हरी सब्जियों के रेटों से तुलना की जाए तो अनलॉक-5.0 में वहीं सब्जियां दो से तीन गुना दामों में बिक रहीं हैं।

समय से बुआई नहीं

आसमान छू रही हरी सब्जियों के पीछे क्या वजह है। इसका कारण जानने के लिए डीजे आई नेक्स्ट की टीम ने थर्सडे को सिटी के वीआईपी एरियाज में लगने वाली सब्जी मंडी में जाकर रिएलटी चेक किया। रियलटी चेक करने के दौरान पता चला कि लॉकडाउन की वजह से आलू, प्याज समेत हरी सब्जियां की बुआई समय से नहीं हो पाई। मार्केट की डिमांड के हिसाब से आलू, प्याज और हरी सब्जियों की सप्लाई नहीं हो पा रही है। जिसकी वजह से सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं।

15 दिनों के बाद मिलेगी रिलीफ

गुमटी नंबर पांच और आर्यनगर सब्जी मार्केट के बड़े सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक लॉकडान के दौरान आलू और प्याज की बुआई समय से नहीं हो पाई थी। अनलॉक में बोई जाने वाली सब्जियां, आलू और प्याज लगभग 15 दिनों के बाद आने लगेंगी। जिसके बाद सब्जियों के रेट में काफी गिरावट आएगी। जिससे पब्लिक को काफी रिलीफ मिलेगी। व्यापारी जसपाल सिंह के मुताबिक, फर्रुखाबाद से आलू और शाहजहांपुर से नया प्याज आते ही आलू और प्याज के रेट भी नार्मल हाे जाएंगे।

पंजाब से बड़ी संख्या में आती आलू

सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक पंजाब व फर्रुखाबाद से बड़ी मात्रा में आलू की सप्लाई कानपुर में होती है। लॉकडाउन की वजह से मजदूर न मिलने की वजह से बुआई नहीं हो पाई। नार्मल दिनों में दशहरा के पहले नई आलू की सप्लाई कानपुर में आने लगती है। जिससे आलू के रेट हमेशा नार्मल रहते थे। लॉकडाउन के कारण लगभग तीन माह कोई बुआई नहीं हो सकी। यहीं कारण के पैदावार तीन माह लेट हो गई।

सब्जी लॉकडाउन में रेट अब के रेट

आलू 20 40-50

प्याज 20 55-60

टमाटर 40 40-50

मटर 60 100

गोभी 20-25 30-35

कद्दू 20 30

लौकी 20 30

नोट: रेट प्रति किलोग्राम के हैं।