अंदर बैठे किसी भी व्यक्ति को गहरी चोट नहीं आई। पचास वर्षीय माल्या के मुताबिक उनकी किस्मत अच्छी थी कि वो बच गए। विजय माल्या की कंपनी देश में लोकप्रिय किंगफिशर ब्रैंड की शराब बनाती है। भारत में खपत होने वाली आधी बीयर किंगफिशर बनाती है। इसी साल माल्या की कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड दुनिया की सबसे बड़ी स्पिरिट्स बनाने वाली कंपनी बन गई। माल्या खुद भारत के सबसे 'रंगीले उद्योगपति' हैं।

कंपनी की स्थापना

यूबी या यूनाइटेड ब्रिउरी ग्रुप की स्थापना उनके पिता विट्टल माल्या ने की थी। मौके पर कंपनी को खरीदना उनकी खासियत थी। उन्होंने सही मौके पर कंपनी के शराब के कारोबार को बढ़ाया। कंपनी के उत्पादों में मैक डॉवल्स ब्रैंडी और बैगपाइपर व्हिस्की शामिल थे। विट्टल माल्या एक संकोची और शालीन उद्योगपति थे। वर्ष 1983 में जब दिल के दौरे से उनकी अचानक मृत्यु हुई तो उनके बेटे विजय को कंपनी प्रमुख चुन लिया गया।

उसी वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था पर लगे नियंत्रणों को कम करने की कोशिशें शुरू हुई थीं जिससे शराब बाज़ार में जबरदस्त तेज़ी दर्ज की गई। जबरदस्त ब्रैंडिंग, नई जीवनशैली के समर्थन और नए संचार माध्यमों के इस्तेमाल के कारण यूबी ग्रुप अपने प्रतिद्वंदियों से आगे निकल गया।

माल्या ने भारतीय शहरों में केबल टीवी की शुरुआत का अच्छा फायदा उठाया। यूबी लिमिटेड के डायरेक्टर कल्याण गांगुली बताते हैं कि एक बार एक पार्टी में माल्या की मुलाकात एक अमरीकी अभिनेता से हुई।

गांगुली के मुताबिक, “माल्या ने मुझे बुलाया और कहा कि क्यों नहीं इस खूबसरत दिखने वाले व्यक्ति को जिसे हर कोई देख कहा है हम कंपनी का ब्रैंड अंबैसेडर बना लेते हैं?” रॉन मास भारत में टीवी पर दिखाए जाने वाले लोकप्रिय अमरीकी सीरियल ‘द बोल्ड ऐंड द ब्यूटिफुल’ में रिज फॉरेस्टर नाम का किरदार निभाते थे।

जल्द ही रॉन मॉस भारतीय शहरों में किंगफिशर का विज्ञापन कर रहे थे। लेकिन रॉन मॉस से ज्यादा माल्या खुद कंपनी के रंगीले और जवान छवि का चेहरा बन गए थे। गांगुली कहते हैं, “वो एक गंभीर व्यक्ति हैं जो गंभीर व्यापार करते हैं, लेकिन उनमें समकालीन होने की क्षमता है.”

माल्या की छवि

रे-बैन चश्मे और भारी, महंगे गहने पहनने वाले और अपनी स्पीडबोट में खूबसूरत महिलाओं के साथ दिखने वाले विजय माल्या की छवि लोगों के दिलो-दिमाग में बस गई। माल्या के कई घर हैं। न्यूयॉर्क सिटी के ट्रंप टॉवर्स में उनका घर है। फ्रेंच रिवियेरा के एक द्वीप पर उनका एक घर है। दक्षिण अफ्रीका और गोवा में भी माल्या की संपत्ति हैं।

ये संपत्तियाँ हालाँकि बेहद निजी हैं लेकिन उनके बारे में सभी जानते हैं। यही फॉर्मूला उनके बैंगलोर के केंद्र में बनने वाले नए घर पर भी लागू होता है। किंगफिशर टॉवर्स में सभी सुविधाओं से भरपूर तीन टॉवर्स होंगे। छत पर स्विमिंग पूल, घास का मैदान भी होगा।

माल्या की कंपनी का टैगलाइन है – 'द किंग ऑफ गुड टाइम्स' यानि अच्छे दिनों का राजा। उन्होंने यूबी ग्रुप के ब्रैंड्स के नाम का इस्तेमाल दूसरे निवेशों में भी किया है – चाहे वो घोड़ों की रेस हो, फ़ॉर्मूला वन टीम हो, वार्षिक बिकनी कैलेंडर हो या फिर इंडियन प्रीमियर लीग की टीम जिसका नाम एक व्हिस्की पर है।

शराब के कारोबार पर उनके पिता विट्टल माल्या की छाप अभी भी बरकरार है। कंपनी के डॉयरेक्टर उन्हीं के चुने हुए लोग हैं। हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद से ही विजय माल्या ने अपनी विरासत की शुरुआत कर दी थी।

वर्ष 1986 में उन्होंने फ्रांस की कंपनी हेली-यूनियन को भारत में हेलीकॉप्टर सर्विस की शुरुआत का प्रस्ताव भेजा। नब्बे के दशक के शुरुआती सालों में छोटे विमानों पर आधारित एयरलाइन की शुरुआत करने की सोच ने जन्म लिया लेकिन बाद में योजना को स्थगित कर दिया गया।

वर्ष 2005 में कंपनी ने एअरबस 320 के साथ हवा में अपनी उड़ान भरी। माल्या ने किंगफिशर एयरलाइन यात्रियों से कहा कि हवाई जहाज के कर्मचारियों को उन्होंने खुद चुना है। उन्होंने उन्हें ‘फ्लाइंग मॉडल्स’ का नाम दिया।

माल्या को राज्यसभा के लिए भी चुना गया जहाँ पूर्व विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल के साथ उनके रिश्तों में गर्मी आई जो किंगफिशर के शुरुआती दिनों के लिए महत्वपूर्ण था। लेकिन 2007 के बाद किंगफिशर एयरलाइन में गिरावट दिखने लगी। इससे पिछले साल ही कंपनी ने कम किरायों के मॉडल पर आधारित डेक्कन एअर को खरीदा था। आज कंपनी पर 6,500 करोड़ का घाटा है। बैंकों ने किंगफिशर को कर्ज तो दिया है लेकिन आलोचकों ने इसकी निंदा की है।

विजय माल्या अपने करियर के ज्यादातर सालों में शहरी भारत की सोच का केंद्र रहे हैं लेकिन आज वो कई मुश्किलों से घिरे हैं। किंगफिशर एयरलाइन में कर्मचारियों को तनख्वाहें नहीं मिली हैं और वो हड़ताल पर हैं, कंपनी के शेयर गिरे हैं और कर्ज का बोझ बढ़ा है।

किंगफिशर एयरलाइन का अंत शायद नजदीक हो लेकिन ये साफ नहीं है कि इसका माल्या, उनकी संपत्ति और कंपनी पर क्या असर पड़ेगा। कुछ कर्जों में उनकी निजी गारंटी यूबी ग्रुप की संपत्ति पर उनके प्रभुत्व पर असर डाल सकती है।

हाल में आई कुछ रिपोर्टों के मुताबिक माल्या आईपीएल की रॉयल चैलेंजर्स टीम, गोआ और बैंगलोर में उनके शानदार घर और यूनाइटेड स्पिरिट्स पर अपना प्रभुत्व खो सकते हैं। माल्या विमानन क्षेत्र में विदेशी निवेश पर सरकारी नियमों को बदलवाने के लिए लॉबींग कर रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो उनके लिए ये दूसरी बार चमत्कारी रूप से बचने जैसा होगा।

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