कानपुर (ब्यरो)। जयपुरिया क्रॉसिंग ब्रिज के कम्प्लीशन टारगेट को अब केवल पांच महीने रह गए हैं तो अब रेलवे को ब्रिज बनाने की याद आई है। रेलवे ने ट्रैफिक बन्द कराने के लिए डीएम को लेटर भेजा है। हालांकि ब्रिज कार्पोरेशन अपने हिस्से में काम कर रहा है और करीब 60 परसेंट काम पूरा भी कर चुका है। पर रेलवे के ट्रैक पर ब्रिज न बनाने से ब्रिज कॉर्पोरेशन का काम भी लटक गया है। वहीं, बारिश की वजह से यह रास्ता भी खतरनाक हो चुका है। स्कूटी व बाइक गीली मिïट्टी में स्लिप होकर गिर रही हैं।

जाम में फंसे रहते बच्चे
कैंट स्थित जयपुरिया क्रॉसिंग से हर रोज हजारों की संख्या में गाडिय़ां गुजरती हंै। मालरोड, बड़ा चौराहा, घंटागर साइड रहने लोग कैंट स्थित जयपुरिया क्रॉसिंग होते हुए ही जाजमऊ की ओर आते-जाते हैं। कैंट एरिया में कई स्कूल भी है। जिसकी वजह से भी ट्रैफिक लोड अधिक रहता है। इसी क्रॉसिंग से डेली 100 के लगभग पैसेंजर ट्रेनें और मालगाडिय़ां गुजरती हैं। इसकी वजह से यह क्रॉसिंग अक्सर बन्द रहती है। लोगों के जल्दी निकलने की होड़ में अक्सर क्रॉसिंग पर जाम भी लग जाता है। इस जाम में पैरेंट्स के साथ-साथ स्कूल जा रहे और लौट रहे बच्चे भी फंसे रहते हैं। गर्मी में तो लंबे समय जाम लगे रहने के कारण बच्चे बेहाल हो जाते हैं। इसी वजह से लगातार क्रॉसिंग पर ब्रिज बनाए जाने की मांग होती थी।

रेलवे को बनाना 36 मीटर ब्रिज
नवंबर, 2021 में शासन ने स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन के प्रोजेक्ट को पास कर दिया। रेलवे पहले ही मंजूरी दे चुका था। शासन ने आरओबी पास करने साथ ही लगभग 12.50 करोड़ रूपए की पहली किश्त भी जारी कर दी। यह ब्रिज 800 मीटर लंबा और 2 लेन चौड़ा है। इसमें से ट्रैक पर 36 मीटर का ब्रिज रेलवे को करीब 15 करोड़ से बनाना है। पर रेलवे अब तक काम शुरू नहीं कर सका। कुछ मैटेरियल डालकर टीम भूल गई।

ट्रैक किनारे के पिलर अटके
इलेक्ट्रिसिटी लाइन, वाटर लाइन आदि सर्विस शिफ्टिंग की वजह से ब्रिज कार्पोरेशन को अपने हिस्से में पुल बनाने में देरी हुई। स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन के इंजीनियर्स ने मामले की शिकायत डीएम से की। तब कहीं जाकर ब्रिज कार्पोरेशन की टीम तेजी से काम शुरू कर सकी। स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन के असिस्टेंट इंजीनियर अरविन्द कुमार सागर ने बताया रेलवे के अब तक ट्रैक पर ब्रिज बनाने का काम शुरू नहीं किया, इसकी वजह से ट्रैक के दोनों किनारों के पिलर नहीं बन पा रहे हैं। इनको छोडक़र अन्य सभी पिलर बन चुके हैं। पियर कैप लगाई जा रही है। ब्रिज का करीब 65 परसेंट काम हो चुका है।

चक्कर लगाने को मजबूर
मनमाने तरीके से ब्रिज बनाने का काम किए जाने से बारिश होने पर रास्ता खतरनाक हो चुका है। गीली मिïट्टी में स्कूटी, बाइक सवार फिसलकर गिर रहे हैं। प्रॉपर बेरीकेडिंग भी नहीं गई है। फिलहाल खतरनाक हो चुके रास्ते से बचने के लिए लोग कई किलोमीटर का चक्कर लगाकर आने-जाने को मजबूर हैं।