लखनऊ (ब्यूरो)। लंबे इंतजार के बाद सभी वार्डों में फिर से विकास कार्यों को रफ्तार मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इसकी वजह यह है कि वार्ड विकास निधि की पहली किश्त करीब 50 लाख प्रत्येक वार्ड को जारी हो रही है। इस पर निगम प्रशासन की ओर से मुहर भी लगाई जा चुकी है। इस संबंध में एक से दो दिन के अंदर पार्षदों से एस्टीमेट भी मांगे जाएंगे। पार्षदों की ओर से दिए जाने वाले विकास कार्यों से रिलेटेड एस्टीमेट के आधार पर संबंधित वार्ड में विकास कार्य शुरू कराए जाएंगे।

लंबे समय से इंतजार

नई शहर सरकार के बनने के बाद अभी तक किसी भी वार्ड में कोई भी विकास कार्य शुरू नहीं हो सका है। जिसकी वजह से वार्ड की जनता समस्याओं का सामना कर रही है। हाल में ही आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में वार्ड विकास निधि की ओवरऑल राशि निर्धारित की जा चुकी है। वार्ड विकास निधि की कुल राशि एक करोड़ 50 लाख निर्धारित की गई है। यह राशि सभी पार्षदों को तीन क्वार्टर में जारी की जाएगी, मतलब एक किश्त में 50 लाख। अब पहली किश्त जारी करने को लेकर रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, अभी पार्षदों को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन निगम प्रशासन की ओर से इस पर मुहर लगा दी गई है।

वार्डों में हो सकेंगे ये कार्य

1-रोड मेंटीनेंस-इस समय लगभग सभी वार्डों में रोड मेंटीनेंस की खासी आवश्यकता है। वार्ड विकास निधि के अंतर्गत अस्थाई रूप से रोड मेंटीनेंस का काम शुरू कराया जा सकेगा। इसका सीधा फायदा वार्ड की जनता को मिलेगा।

2-पार्क मेंटीनेंस-अगर किसी वार्ड में पार्क की हालत बदहाल है तो इस मद के माध्यम से पार्क की दीवार मेंटीनेंस या साफ-सफाई कराई जा सकती है। इसके साथ ही पार्क का कंपलीट सौंदर्यीकरण भी कराया जा सकता है। हालांकि, इस बिंदु के लिए अन्य मद भी हैैं।

3-सबमर्सिबल-अगर किसी वार्ड में सरकारी सबमर्सिबल लगा हुआ है और वो खराब है तो वार्ड विकास निधि के माध्यम से उसका भी मेंटीनेंस कराया जा सकता है।

4-स्ट्रीट लाइट-अगर किसी वार्ड में स्ट्रीट लाइट खराब है या उसका पोल खराब है तो वार्ड विकास निधि मद के अंतर्गत ही यह कार्य भी कराया जा सकेगा। जिससे वार्डों की गलियां अंधेरे में नहीं होंगी

5-नए निर्माण कार्य-इस मद के अंतर्गत नए निर्माण कार्य भी कराए जा सकेंगे। वार्ड पार्षद की ओर से वार्ड की जरूरत के हिसाब से नाली या अन्य निर्माण से रिलेटेड एस्टीमेट दिया जा सकता है।

6-जलनिकासी-राजधानी के 50 फीसदी से अधिक वार्डों में जलनिकासी की समस्या है। वार्ड पार्षद की ओर से जलनिकासी की व्यवस्था बेहतर बनाने की दिशा में भी इसी मद के अंतर्गत एस्टीमेट दिया जा सकता है। इस एस्टीमेट में नालियों का मेंटीनेंस और नई नालियों का निर्माण शामिल है।

7-सफाई उपकरण-अगर किसी वार्ड में सफाई उपकरणों की संख्या कम है तो उसे भी इसी मद के माध्यम से खरीदा जा सकता है। हालांकि, इसके लिए अन्य मद की भी व्यवस्था है। इस दिशा में वार्ड पार्षद की ओर से अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

पहला सदन इसी माह

शहर सरकार का पहला सदन भी इस माह होने जा रहा है। अभी तारीख तो निर्धारित नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि 21 जुलाई को पहला सदन आयोजित किया जाएगा। जिसमें वार्ड पार्षदों की ओर से वार्ड विकास निधि को बढ़ाए जाने की मांग की जा सकती है। हालांकि, कार्यकारिणी की ओर से पहले ही वार्ड विकास निधि को लेकर निर्णय लिया जा चुका है। विपक्ष के पार्षद पहले से ही वार्ड विकास निधि को बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैैं। अब सदन में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

पब्लिक को भी इंतजार

नई शहर सरकार बनने के बाद वार्ड की जनता की ओर से भी विकास कार्यों का इंतजार किया जा रहा है। अभी तक किसी भी वार्ड में नए विकास कार्य शुरू नहीं हो सके हैैं। वहीं, विस्तारित एरियाज की बात की जाए तो वहां भी स्थिति और खराब है। जब से विस्तारित एरियाज नगर निगम में शामिल हुए हैैं, तब से विस्तारित एरियाज की जनता विकास कार्यों की राह देख रही है। उम्मीद है कि अब उनका सपना पूरा होगा।

पार्षदों को जानकारी नहीं

अभी फिलहाल वार्ड पार्षदों को वार्ड विकास निधि की पहली किश्त जारी होने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। वार्ड पार्षदों का कहना है कि जब उनके पास एस्टीमेट मांगे जाने संबंधी लेटर आ जाएगा, तब वो इस बारे में कोई जानकारी दे सकेंगे। अगर पहली किश्त जारी हो रही है तो निश्चित रूप से जनता को इससे राहत मिलेगी।