लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने 11 से 22 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिका और नगर पंचायतों में चलने वाले स्वच्छता जनादेश सर्वेक्षण-2023 अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने बुधवार को नगरीय निकाय निदेशालय में स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान की शुरुआत की और सभी पार्षदों से स्वच्छता सर्वेक्षण में शामिल होकर अपने वार्ड की साफ-सफाई व व्यवस्थापन की जानकारी देने की अपील की। इस सर्वेक्षण अभियान का उद्देश्य निकायों की समस्याओं का समाधान निकालना भी है। उन्होंने निकाय अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि अभियान के दौरान सभी वार्ड के पार्षदों से मिलकर उनके वार्ड की समस्याओं, स्वच्छ एवं व्यवस्थापन सम्बंधी जानकारी उपलब्ध कराने में सहयोग करें।

अभियान से 14 हजार पार्षद जुड़ेंगे

प्रदेश के सभी निकायों में 11 से 22 अक्टूबर तक 10 दिन चलने वाले इस स्वच्छता जनादेश सर्वेक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के नगरीय निकायों से करीब 14 हजार पार्षद हिस्सा लेंगे। ये पार्षद उनके वार्ड में स्वच्छता को लेकर किए जा रहे कार्यों, स्वच्छता की स्थिति और विभिन्न स्वच्छता कार्यक्रमों के विषय में अपना सुझाव डिजिटली प्रदान करेंगे। इसके लिए नगर विकास विभाग की ओर से एक क्यूआर कोड जेनरेट किया गया है, जिसे स्कैन करके पार्षद वेबपेज पर 20 सवालों का जवाब देकर अपने वार्ड के विषय में अवगत कराएंगे साथ ही सभी पार्षद दिए गए सवालों के जवाब के साथ अपने वार्ड की स्वच्छता के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी देंगे। वार्डों में स्वच्छता अभियान को और प्रभावी व सफल बनाने के संबंध में उनसे सुझाव भी लिए जाएंगे।

पार्षदों को करना होगा स्व मूल्यांकन

नगर विकास के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता एवं कचरा मुक्त शहर (गार्बेज फ्री सिटी) बनाने का उद्देश्य प्राप्त करने के लिए ही प्रत्येक नगरीय निकाय में स्वच्छता जनादेश 2023 लागू किया जा रहा। इस दौरान सभी वार्डों की स्वच्छता के मापदंडों पर उनके पार्षदों द्वारा स्व मूल्यांकन के माध्यम से 20 बिंदुओं पर सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैैं। स्वच्छता जनादेश 2023 डेडिकेटेड बार कोड के माध्यम से किया जाएगा। प्रमुख सचिव ने सभी जिलाधिकारियों, नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि स्वच्छता जनादेश 2023 को सही एवं निर्धारित समय सीमा में पार्षदों से प्राप्त करने की कार्रवाई करें। पार्षदों को जिन 20 सवालों पर अपने सुझाव देना है, उनमें उनके जिले, नगर निकाय, वार्ड, वार्ड संख्या जैसे सामान्य सवालों के साथ स्वच्छता से संबंधित सवाल भी हैं।

ये सवाल रहेंगे

इसमें वार्ड में कूड़ा गाड़ी के संचालन, गीला और सूखा कूड़ा अलग अलग करने, वार्ड में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन होना, वार्ड में प्रतिदिन कूड़े वाली गाड़ी का आना जैसे सवाल होंगे। जिनका उत्तर पार्षदों को देना है। इसी तरह वार्ड में स्वच्छता कार्यक्रमों को लेकर भी जानकारी मांगी गई है जैसे कि वार्ड में प्रतिदिन झाड़ू लगना, डस्टबिन का उपलब्ध होना, कूड़ेदान की समय-समय पर सफाई होना, नाली और तालाब साफ -सुथरे होना आदि। इसके अलावा वार्ड में प्लास्टिक और पॉलिथीन पर प्रतिबंध, जगह-जगह कचरे के ढेर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी जानकारी मांगी गई है। उनसे पूछा गया है की क्या उन्होंने कभी स्वच्छता संबंधित शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नंबर 1533 व 18001800101 का उपयोग किया है या नहीं साथ ही कभी कोई स्वच्छता अभियान संचालित किए जाने से लेकर स्वच्छता समिति की बैठकों में प्रतिभाग किए जाने सम्बंधी उनके सुझाव मांगे गए हैं।