लखनऊ (ब्यूरो)। अकबरनगर के बाद अब एलडीए की ओर से अवैध निर्माणों खासकर कॉमर्शियल निर्माणों पर नजरें टेढ़ी कर दी गई हैैं। अभी तक के सर्वे में करीब 150 से अधिक ऐसे कॉमर्शियल निर्माण सामने आए हैैं, जो या तो पूरी तरह से अवैध हैैं या फिर उनमें फ्लोर एरिया रेशियो संबंधी मानक को नजरअंदाज किया गया है। ऐसे में, अब एलडीए पहले तो उन्हें नोटिस देने जा रहा है और अगर नोटिस का जवाब नहीं आता है तो उनके खिलाफ सीलिंग या ध्वस्तीकरण संबंधी कार्रवाई की जाएगी।

तेजी से हो रहे कॉमर्शियल निर्माण

व्यावसायिक और आवासीय निर्माणों के नक्शों की जांच शुरू कर दी गई है। यह भी देखा जा रहा है कि निर्माण के दौरान भू उपयोग में तो कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। एलडीए टीमों ने रो हाउसेस को लेकर भी अलग से रिपोर्ट बनाने का काम शुरू कर दिया है। करीब 30 प्रतिशत ऐसे व्यावसायिक और आवासीय निर्माण सामने आए हैैं, जिनके नक्शे या तो अधूरे हैैं या नक्शे हैैं ही नहीं। टीमों की ओर से देखा जा रहा है कि नक्शे कब पास कराए गए और जो नक्शे पास कराए गए, क्या उनके अनुसार ही निर्माण हो रहा है।

पहले अपनी योजनाएं

वीसी के निर्देश के बाद टीमों की ओर से प्राधिकरण की सभी योजनाओं में यह भी देखा जा रहा है कि रिक्त प्लॉट्स का स्टेटस क्या है। ऐसा तो नहीं है कि जो रिक्त प्लॉट हैैं, उन पर किसी ने अवैध कब्जा कर रखा हो। अगर प्राधिकरण के किसी प्लॉट में अवैध कब्जा मिलता है तो अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया जाएगा। आउटर एरिया में बन रहे रो हाउसेस के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। एलडीए की ओर से दो दर्जन से अधिक रो हाउसेस के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। वहीं नए सिरे से कराए जा रहे सर्वे में 100 से अधिक नए रो हाउसेस प्रोजेक्ट्स भी चिन्हित किए गए हैैं, जिनके खिलाफ जल्द एक्शन शुरू होगा।