लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ मंडल के अन्य जिलों में साल 2014 में राजकीय स्कूलों में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिसके बाद साल 2016 में भर्ती की प्रक्रिया को पूरा हुआ था। इसके बाद कुछ सफल कैंडिडेट्स ने अपने चयनित स्कूलों में टीचर्स के पोस्ट पर काम करना शुरू कर दिया था। उसी दौरान डॉक्यूमेंट में गड़बड़ी की शिकायतों पर इस पूरे फर्जीवाड़े की जांच शुरू हुई। जिसके बाद सभी कैंडिडेट्स के डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन शुरू कराया गया। जिसमें यह पूरा फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आया, पड़ताल में कई के डाक्यूमेंट्स के फर्जी होने का खुलासा हुआ, जिसके बाद कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है।

हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रकरण पर भी लटकी तलवार
शहर के सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों में हिंदी साहित्य सम्मेलन के दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों पर भी तलवार लटकी हुई है। असल में, हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रमाण पत्र मान्य नहीं है, लेकिन पिछले वर्षों में इनके सहारे कई नियुक्तियां हुई हैं। बीते दिनों तत्कालीन डीआईओएस डॉ। मुकेश कुमार सिंह ने इनकी सैलरी रोककर सेवा समाप्त करने के लिए, आयोग को पत्र भी भेज दिया था। अभी इसमें कार्रवाई की प्रक्रिया रुकी हुई है।

इन सभी टीचर्स को बर्खास्त करते हुए एफआईआर दर्ज कराने के आदेश हैं। करीब चार से पांच अन्य प्रकरणों में भी जांच चल रही है। अभी कुछ और डॉक्यूमेंट्स के वेरिफिकेशन के लिए भेजा गया है, अभी तक उनका जवाब नहीं मिला है।
सुरेंद्र तिवारी, जेडी