लखनऊ (ब्यूरो)। संजय गांधी पीजीआई की इमरजेंसी मेडिसिन में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों को 24 घंटा डॉक्टरों की निगरानी का लाभ मिलेगा। यहां के 30 बेडों को टेली मेडिसिन से जोड़ दिया गया है। इमरजेंसी में आने वाले गंभीर मरीज इसी वार्ड में भर्ती किये जाएंगे। साथ ही यहां के डॉक्टर्स को अन्य मेडिकल संस्थानों के स्टाफ को आईसीयू में बेहतर निगरानी तंत्र के बारे में सिखाने में मदद भी मिलेगी।

गंभीर मरीजों को मिलेगी राहत

पीजीआई की इमरजेंसी मेडिसिन में रोजाना 200-250 से अधिक मरीज आते हैं, जिसमें अधिकतर गंभीर मरीज होते हैं। हाल ही में संस्थान ने गोरखपुर, कानपुर समेत प्रदेश के पांच मेडिकल संस्थानों के आईसीयू को टेली मेडिसिन से जोड़ा है, ताकि उन्हें एक्सपर्ट की राय 24 घंटे दी जा सके। इसी को देखते हुए इमरजेंसी मेडिसिन के 30 बेडों को टेली मेडिसिन से जोड़ा गया है। इसमें 20 बेड का नया वार्ड और 10 बेड पुराने वार्ड के शामिल हैं। खास बात यह है कि इसमें भर्ती मरीज 24 घंटे डॉक्टरों के संपर्क में रहेंगे। डॉक्टर दूसरे विभागों में होने के बाद भी मरीजों के इलाज के साथ जरूरी सुझाव मुहैया कराते रहेंगे। इस वार्ड में ऑक्सीजन समेत जीवन रक्षक उपकरण उपलब्ध होंगे। इस भवन में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी, ऑपरेशन थियेटर, इंडोस्कोपी, ब्रोंकोस्कोपी की सुविधा शुरू की जाएगी, ताकि मरीजों को एक ही जगह सभी सुविधाएं मिल सकें।

सिखाने का मिलेगा मौका

पीजीआई निदेशक डॉ। आरके धीमान ने बताया कि इमरजेंसी में बेड व जांच के साथ ही अन्य सुविधाएं बढ़ायी जा रही हैं, ताकि मरीजों को समूचा इलाज एक छत के नीचे मुहैया कराया जा सके। इमरजेंसी के 30 बेड टेली आईसीयू से जोड़ दिए गये हैं। जहां हमारे एक्सपर्ट अन्य मेडिकल संस्थानों को दिखाते हुए ट्रीटमेंट के बारे में बता सकेंगे। यह टीचिंग का एक फेज होगा। यह सुविधा जल्द शुरू की जाएगी। साथ ही इमरजेंसी मेडिसिन रीनल ट्रासप्लांट सेंटर की पहली मंजिल पर रेडियोलॉजी विंग मेजर और माइनर ऑपरेशन थियेटर स्थापित किया जाएगा।

30 बेड को टेली मेडिसिन से जोड़ा गया है। जहां डॉक्टर्स अन्य मेडिकल संस्थानों कीटीम को सिखाने का काम कर सकेंगे।

-प्रो। आरके धीमन, निदेशक, पीजीआई