1 लाख लोग रोज आते हैं बाजार में

15 सौ से अधिक दुकानें हैं बाजार में

25 हजार गाडि़यां रोज आती हैं यहां

30 फीट चौड़ी रोड है बाजार में

- पत्रकारपुरम मार्केट में चारों तरफ अवैध पार्किग व जाम से लोग बेहाल

LUCKNOW:

पत्रकारपुरम मार्केट जितनी अपने रौनक के लिए फेमस है, उतनी ही ट्रैफिक व्यवस्था के लिए बदनाम भी है। शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक यहां 10 मिनट का सफर 30 मिनट में करना पड़ता है। इसका कारण यह है कि यहां पॉर्किंग की प्रॉपर व्यवस्था नहीं है। बुधवार को 'हमारी सड़क खाली करो' अभियान में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने इस इलाके का जायजा लेने के साथ वहां के व्यापारी और ग्राहकों से बात कर यह जानने का प्रयास किया कि इस समस्या का समाधान कैसे हो सकता है।

30 फीट चौड़ी है रोड

पत्रकारपुरम इलाके में 15 सौ से ज्यादा दुकानें, कई बड़े शॉपिंग सेंटर हैं। मार्केट में दोनों तरफ करीब 30 फीट चौड़ी रोड है। बीच में पांच फीट का साइकिल ट्रैक भी दिया गया है। बुधवार को यहां जब टीम पहुंची तो देखा यहां रोड सिर्फ 10 फीट चौड़ी ही बची है। बाकी में या तो गाडि़यां खड़ी थीं या दुकान वालों ने अपना सामान रख रखा था। रोड के दोनों तरफ किया गया यह अतिक्रमण ही यहां 10 मिनट के सफर को 30 मिनट का बना देता है।

पैदल चलना भी मुश्किल

साइकिल ट्रैक पर मार्केट में काम करने वाले और आने वाले ग्राहक अपनी बाइक खड़ी कर देते हैं, जिससे यहां पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। यहां कई दुकानदारों ने अपने सामने के फुटपाथ किराए पर उठा वहां छोटी दुकानें लगवा दी हैं। बाकी बची जगह पर ठेले वालों का कब्जा है।

जाएं तो जाएं कहां

यहां के चंद कदमों की दूरी पर एलडीए ने पार्किंग बनवाई है लेकिन इसका प्रचार-प्रसार न होने से लोग और शॉप कीपर वहां अपनी गाडि़यां नहीं खड़ी करते हैं। छोटे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की पार्किंग में वहीं के दुकानदारों और कर्मचारियों के वाहन खड़े रहते हैं। यहां ग्राहकों के लिए वाहन खड़े करने की सुविधा नहीं है।

पार्किग है पर गाडि़यों नहीं होतीं पार्क

पत्रकारपुरम बाजार से 120 कदम की दूरी पर पेट्रोल पंप के पीछे एलडीए ने पार्किग बनाई है। जहां एक टाइम पर 150 चार पहिया वाहन और 100 दो पहिया वाहन खड़े हो सकते हैं। इसके अलावा एलडीए की तरफ से पार्किग में शुरुआती 30 मिनट की पार्किग फ्री है और उसके बाद दो घंटे का चार्ज केवल 20 रुपये है। इसके बाद भी लोग यहां अपनी गाडि़यां नहीं खड़ी करते हैं। डीजे आईनेक्स्ट की टीम जब यहां पहुंची तो उसे यहां सिर्फ 5 फोर व्हीलर ही खड़े मिले। वहीं पत्रकारपुरम मार्केट में दोनों ओर ढाई सौ से अधिक वाहन रोड़ पर पार्क किए गए थे।

मार्केट में सभी गाडि़यों से आते हैं और लोग रोड किनारे अपने वाहन खड़े कर देते हैं। कुछ दूरी पर पार्किंग है लेकिन लोग वहां नहीं जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय पुलिस सक्रियता नहीं दिखाती है। जब तक क्रेन एक गाड़ी ले जाती है, तब तक 10 गाडि़यां आकर खड़ी हो जाती हैं।

संतोष कुमार, व्यापारी नेता

यहां रोज लाखों लोग और हजारों व्हीकल आते हैं। पार्किग सुविधा न होने से लोग रोड पर ही गाड़ी पार्क करते हैं, जिससे जाम की स्थिति बनती है। दोपहर से रात तक मार्केट में आने वाले लोगों को जाम से जूझना पड़ता है, इसका व्यापार पर भी असर पड़ता है।

मुजीब, व्यापारी

इस प्रॉब्लम को कोई भी विभाग दूर नहीं कर सकता है, इसके लिए लोगों को ही जागरूक होना होगा। क्रेन से गाड़ी खींचने की जगह मौके पर ही चालान हो तो शायद स्थिति बदले। शहर में लोग सिग्नल को फालो करने लगे है। वह भी इसलिए है कि अब ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों पर सख्ती हो रही है।

मो। युसूफ खान, व्यापारी

शाम को पत्रकारपुरम जाने से बचता हूं। जरूरत पड़ने पर अगर जाना भी पड़ता है तो जो काम दस मिनट का होता है उसे पूरा करने के लिए 30 से 45 मिनट का समय लग जाता है। रोड के दोनों तरफ गाडि़यां पार्क कर लोग चले जाते हैं जिससे चलने की जगह ही नहीं बचती है।

सुरेश द्विवेदी, गोमती नगर

पत्रकारपुरम की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए वहां के व्यापारियों से बात की जा रही है। एलडीए की एक पार्किग है, जहां 30 मिनट की पार्किग फ्री है। इसके अलावा रोड पर गाड़ी पार्क करने वालों के खिलाफ चालान की कार्रवाई के साथ-साथ क्रेन से उन्हें उठाया भी जा रहा है।

- डॉ। ख्याति गर्ग, डीसीपी ट्रैफिक