1100 कर्मचारी लगे ईकोग्रीन के कूड़ा कलेक्शन में

1100 के करीब गाडि़यां कूड़ा परिवहन में लगीं

80 लाख रुपये प्रति माह डीजल खर्च कूड़ा परिवहन गाडि़यों में

3 से 4 माह से कर्मियों को नहीं मिला वेतन

38 करोड़ के करीब कंपनी का भुगतान अटका

30 से 35 फीसदी घरों से उठ रहा कूड़ा

25 से 30 लाख पहुंचा यूजर चार्ज का आंकड़ा

- दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था

- नियमित रूप से सुविधा न मिलने के कारण जनता परेशान

LUCKNOW: एक तरफ जहां शहर को स्वच्छ बनाने के लिए दिन प्रतिदिन योजनाएं बन रही हैं, वहीं आलम यह है कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। नियमित रूप से घरों से कूड़ा न उठने के कारण जनता को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। निगम प्रशासन के पास भी इस व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए फिलहाल कोई योजना नहीं है।

30 से 35 फीसदी कलेक्शन

जानकारी के अनुसार, ईकोग्रीन कंपनी के कर्मचारियों की ओर से इस समय सिर्फ 30 से 35 फीसदी घरों से कूड़ा कलेक्ट किया जा रहा है और वो भी नियमित रूप से नहीं। ऐसे में खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि होली का त्योहार नजदीक है, ऐसे में किसी भी घर से नियमित कूड़ा न उठने के कारण आम जनता को खासी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं।

38 करोड़ का भुगतान अटका

दरअसल, नगर निगम की ओर से ईकोग्रीन कंपनी को करीब 38 करोड़ का भुगतान किया जाना है। भुगतान न होने के कारण कंपनी के एक हजार से अधिक कर्मचारियों को पिछले तीन से चार माह का वेतन नहीं मिला है। इसका सीधा असर उनकी वर्किग पर पड़ रहा है। कंपनी के अधिकारियों का दावा है कि अगर कुल बकाया राशि का कुछ भुगतान हो जाए तो कम से कम कर्मचारियों को वेतन दे दिया जाएगा। जिसके बाद कूड़ा कलेक्शन के प्रतिशत में खासा सुधार देखने को मिलेगा।

यूजर चार्ज पर असर

जब नियमित रूप से घरों से कूड़ा कलेक्ट नहीं हो रहा है तो इसकी वजह से यूजर चार्ज पर भी असर देखने को मिल रहा है। पहले जहां 50 से 60 लाख रुपये महीना यूजर चार्ज जमा होता था, वहीं अब यह आंकड़ा 25 से 30 लाख के बीच ही रह गया है। अगर कूड़ा कलेक्शन की स्थिति में जल्द सुधार न हुआ तो आने वाले दिनों में यूजर चार्ज का आंकड़ा और भी अधिक डाउन हो जाएगा।

पार्षद व्यवस्था भी बेअसर

हाल में ही कई पार्षदों ने निर्णय लिया था कि उनकी ओर से अपने-अपने वार्डो में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था शुरू कराई जाएगी। मेयर की ओर से सहमति दिए जाने के बाद भी अभी तक एक भी वार्ड में पार्षदों की ओर से कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है। हालांकि बटलर पैलेस में जरूर यह व्यवस्था चल रही है।

होली के बाद स्थिति खराब

अगर होली से पहले कंपनी के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलता है तो साफ है कि होली के बाद स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाएगी। कर्मचारियों ने स्पष्ट कह दिया है कि अगर वेतन नहीं मिलता है तो वे काम नहीं करेंगे।

शिवरी में लगा कूड़े का पहाड़

एक तरफ जहां डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था दम तोड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ शिवरी प्लांट में भी हालात भयावह बने हुए हैं। हाल में ही प्लांट में मौजूद कर्मचारियों ने वेतन न मिलने के कारण हाथ खड़े कर दिए थे। जिससे निगम प्रशासन में हड़कंप मच गया था। बाद में किसी तरह उन्हें एक माह का वेतन दिया गया, तब कहीं जाकर उन्होंने काम शुरू किया। हालांकि कर्मचारियों ने स्पष्ट कह दिया है कि वे लोग सिर्फ होली का इंतजार कर रहे हैं, अगर शेष दो माह का वेतन नहीं मिला तो होली के बाद वे काम नहीं करेंगे। जिससे साफ है कि होली के बाद शिवरी प्लांट एक बार फिर से कूड़े के पहाड़ में तब्दील होता हुआ नजर आ सकता है।

शिवरी प्लांट एक नजर में

- 60 कर्मचारी काम करते शिवरी प्लांट में

36 लाख वेतन देने के लिए चाहिए शिवरी कर्मियों को

12400 मीट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन पहुंचता शिवरी प्लांट में

3 माह से वेतन नहीं मिला शिवरी प्लांट कर्मियों को

4 से 5 लाख रुपये तुरंत मिले कर्मचारियों के वेतन के लिए

कूड़ा प्रोसेसिंग स्थिति

1 लाख 25 हजार मीट्रिक टन कूड़ा प्लांट में पहले से है

350-350 मीट्रिक टन कूड़ा प्रोसेस की दो मशीनें

700 मीट्रिक टन ही प्रतिदिन कूड़ा प्रोसेस हो पाता

550 मीट्रिक टन कूड़ा प्रॉपर प्रोसेस नहीं हो पाता

मशीनों की स्थिति

2 कूड़ा प्रोसेसिंग मशीनें अभी कर रहीं काम

2 अन्य कूड़ा प्रोसेसिंग मशीनें खराब

2 से 3 माह से मशीनें ठीक नहीं हो पाईं